राज्य ब्यूरो,नईदुनिया,रायपुर: हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरन कुमार की तरह ही बिलासपुर शहर के पुलिस अधीक्षक रहे राहुल शर्मा की कथित आत्महत्या का मामला भी लगभग 13 साल बाद रहस्यमय बना हुआ है। भारतीय पुलिस सेवा के 2002 बैच के अधिकारी राहुल शर्मा ने 2012 ने वरिष्ठ अफसर पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या की थी।
सीबीआई जांच में उक्त अफसर आरोप मुक्त हो गए, लेकिन शर्मा ने खुदकुशी क्यों की, इसका अब तक पता नहीं चल सका है। राज्य में राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर,सीएसपी, टीआइ,एसआइ,लिपिक की ओर से वरिष्ठ अफसर पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए आत्महत्या किए जाने के प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। पड़ताल के बाद आरोपित अफसर आरोप मुक्त हो गए, लेकिन संबंधित ने जान क्यों दी,इसकी वजह और दोषी का पता अब तक नहीं चल सका है।
2002 बैच के आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा ने 12 मार्च 2012 को बिलासपुर स्थित पुलिस ऑफिसर्स मेस में अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अंग्रेजी में लिखा एक सुसाइड नोट भी छोड़ा था,जिसमें बॉस से परेशान होने का उल्लेख था। बॉस यानि उस वक्त के आइजी रहे जीपी सिंह की कार्यप्रणाली को लेकर उंगली उठी थी।
उनके परिवार ने तब आरोप लगाया था कि वह 'व्यवस्था का शिकार' थे। तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने तब इस घटना की सीबीआई जांच कराई, लेकिन न तो सीबीआई और न ही राज्य पुलिस 13 साल बाद भी असली अपराधी या आत्महत्या के पीछे की कोई ठोस सबूत ढूंढ पाई है। जिम्मेदार लोगों पर मामला तक दर्ज नहीं किया गया। वहीं सीबीआई ने किसी गड़बड़ी की आशंका न जताते हुए अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। राहुल कोलकाता के निवासी और यूनिवर्सिटी टॉपर थे।
24-25 फरवरी 2014 की मध्य रात्रि में जगदलपुर के सीएसपी देवनारायण पटेल ने खुद और पत्नी,बेटी व बेटे की को गोली मारकर आात्महत्या कर ली थी। दंडाधिकारी जांच रिपोर्ट में यह सामने आया था कि एक जज पर कथित दुव्यवहार के आरोप और पुलिस विभाग द्वारा की गई निलंबन की कार्रवाई से दुखी व आहत होकर पटेल ने सपरिवार आत्महत्या की थी। इस मामले में भी अब तक जिम्मेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
केवल सुसाइड नोट के आधार पर किसी को आरोपित नहीं ठहराया जा सकता है। कोर्ट में अभियोजन पक्ष को यह प्रमाणित करना पड़ेगा कि आत्महत्या करने के लिए आरोपित ने किस तरह से दुष्प्रेरित किया है। दुष्प्रेरित (उकसाने) की वजह से मृतक के पास आत्महत्या करने के आलावा कोई रास्ता नहीं बचा था, यह भी कोर्ट में साबित करना जरूरी है। आईपीएस राहुल शर्मा समेत अन्य अधिकारियों के आत्महत्या करने के पीछे की सच्चाई सामने आना ही चाहिए। साथ ही दोषियों पर भी विधिवत कार्रवाई हो।
-देवा देवांगन, वरिष्ठ अधिवक्ता