दलित युवती से दुष्कर्म और गर्भपात कराने वाले नबी आलम खान को आजीवन कारावास
आरोपी ने 15 जून 2022 से 9 सितंबर 2023 तक बार-बार पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए। विवाह का प्रलोभन देकर पीड़िता को अपने वश में रखा और जब वह गर्भवती हुई तो जबरदस्ती गर्भपात की दवाई खिलाकर उसका गर्भपात कराया।
Publish Date: Thu, 03 Jul 2025 04:17:10 PM (IST)
Updated Date: Thu, 03 Jul 2025 04:18:59 PM (IST)
आलम खान।HighLights
- आरोपी ने बार-बार पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए।
- विवाह का प्रलोभन देकर पीड़िता को अपने वश में रखा।
- गर्भवती हुई तो दवाई खिलाकर उसका गर्भपात कराया।
रायपुर, नईदुनिया। एससी-एसटी विशेष न्यायालय रायपुर ने अनुसूचित जाति की एक अविवाहित युवती के साथ विवाह का झांसा देकर लंबे समय तक दुष्कर्म करने और उसकी इच्छा के विरुद्ध गर्भपात कराने के मामले में आरोपी नबी आलम खान को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
प्रकरण के अनुसार, पीड़िता वर्ष 2022 में गुढ़ियारी, रायपुर में किराए से रह रही थी। वहीं उसकी मुलाकात आरोपी से हुई, जिसने उसे नौकरी और रहने के लिए मकान दिलाने का लालच दिया। आरोपी ने 15 जून 2022 से 9 सितंबर 2023 तक बार-बार पीड़िता के साथ शारीरिक संबंध बनाए। विवाह का प्रलोभन देकर पीड़िता को अपने वश में रखा और जब वह गर्भवती हुई तो जबरदस्ती गर्भपात की दवाई खिलाकर उसका गर्भपात कराया।
अदालत में अभियोजन पक्ष ने 14 गवाहों के साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसमें पीड़िता, चिकित्सक, मकान मालिक और अन्य प्रत्यक्षदर्शी शामिल थे। विशेष सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने कहा कि आरोपी ने पीड़िता की जातीय स्थिति और सामाजिक परिस्थिति का फायदा उठाकर गंभीर अपराध किया है, जिसमें कोई उदारता नहीं बरती जा सकती।
न्यायालय ने नबी आलम को दुष्कर्म की धारा 376(2) में 10 वर्ष, गर्भपात की धारा 313 में 5 वर्ष कठोर कारावास और एससी-एसटी एक्ट की धारा 3(2) के तहत आजीवन कारावास के साथ कुल 5,000 के जुर्माने से दंडित किया। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।