
रायपुर (नईदुनिया एक्सक्लूसिव)। चुनावी साल में नक्सली चुनाव बहिष्कार की तैयारी में जुट गए हैं। नक्सल इलाकों में गावों में बैठकें हो रही हैं जिनमें ग्रामीणों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दूर रहने को कहा जा रहा है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक नक्सलियों ने अभी से चुनाव बहिष्कार की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। कांग्रेस, भाजपा समेत दूसरे राजनीतिक दल चुनावों की तैयारी में जुट गए हैं। इसी बीच खबर आ रही है नक्सलियों ने भी चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। बताया गया है कि इस सिलसिले में एक हफ्ते पहले बीजापुर जिले के पुजारी कांकेर गांव के पास नम्भीगलगम पहाड़ पर नक्सलियों के बड़े नेताओं की बैठक हुई थी।
बताया गया है इस बैठक में बस्तर के नक्सलियों के साथ ही महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, ओड़िशा आदि राज्यों के नक्सली नेता भी जुटे थे। बैठक में तय किया गया कि नक्सली अपने आधार वाले इलाकों में राजनीतिक दलों के प्रवेश को प्रतिबंधित करेंगे। ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि वे नेताओं को गांवों में घुसने न दें। बीजापुर के अलावा अबूझमाड़, सुकमा, दंतेवाड़ा के अंदरूनी गांवों से नक्सलियों के सक्रिय होने की खबरें आ रही हैं। कुछ दिनों पहले बीजापुर-दंतेवाड़ा की सीमा पर गंगालूर के पास नक्सलियों की बड़ी टुकड़ी के मूवमेंट की खबर भी मिली है।
कहा जा रहा है कि हाल के दिनों में बढ़ी नक्सली सक्रियता का संबंध राज्य में होने वाले चुनाव से है। नक्सली चुनावों के दौरान हर बार बड़ी गड़बड़ी फैलाते रहे हैं। इस दौरान बड़ी नक्सली घटनाएं भी होती रही हैं। पिछले चुनाव के दौरान झीरम में कांग्रेस के काफिले पर बड़ा हमला हो चुका है। बीजापुर में मतदान कर्मियों की बस उड़ाने और झीरम मेें ही एक अन्य घटना में सीआरपीएफ के गश्ती दल पर हमला करने जैसी कई वारदातें पिछले चुनाव के दौरान हुई थीं। चुनाव के दौरान गड़बड़ी फैलाने की नक्सली रणनीति को विफल करने में सुरक्षा बल भी जुटे हुए हैं। गांवों में सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है।