नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। बीजापुर में नक्सलियों द्वारा जलाई गई एक्जावेटर मशीन के बीमा क्लेम को लेकर दायर याचिका पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने अहम फैसला सुनाया है। आयोग ने बीमा कंपनी की आपत्ति को खारिज करते हुए बीमा क्लेम मंजूर किया और 20 लाख रुपए की क्षतिपूर्ति राशि सात फीसदी वार्षिक ब्याज के साथ पीड़ित को देने का आदेश दिया है।
बाली गैरेज एंड क्रेन सर्विसेस की एक्जावेटर मशीन को शिव शक्ति रोड कंस्ट्रक्शन कंपनी ने किराए पर लिया था। यह मशीन बीजापुर में सड़क निर्माण कार्य में लगी थी। 17 दिसंबर 2020 की शाम 5 बजे नक्सलियों ने मशीन को आग के हवाले कर दिया, जिससे मशीन पूरी तरह जलकर नष्ट हो गई।
घटना की सूचना स्थानीय पुलिस और बीमा कंपनी द न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को दी गई। लेकिन बीमा कंपनी ने यह कहकर क्लेम देने से इंकार कर दिया कि मशीन किराए पर दी गई थी और आगजनी के समय ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, जिससे बीमा शर्तों का उल्लंघन हुआ है।
बीमा कंपनी के इंकार के बाद परिवादी ने जिला उपभोक्ता आयोग जगदलपुर में शिकायत दर्ज कराई। वहां आयोग ने बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए 20 लाख रुपए देने का आदेश दिया। बीमा कंपनी ने इस फैसले के खिलाफ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपील की, लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिली।
राज्य उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष गौतम चैरड़िया और सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा की पीठ ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि मशीन का बीमा विविध और व्यावसायिक उपयोग को ध्यान में रखकर किया गया था, इसलिए किराए पर दिए जाने को बीमा शर्तों का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।
लाइसेंस की आपत्ति भी हुई खारिज:
आयोग ने यह भी माना कि घटना के समय मशीन स्थिर अवस्था में थी, और नक्सलियों ने इसे खड़ी स्थिति में ही जलाया। ऐसे में ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस होना उस क्षण आवश्यक नहीं था। इसलिए बीमा कंपनी की यह आपत्ति भी तर्कसंगत नहीं पाई गई।
सात प्रतिशत ब्याज के साथ क्लेम देने का आदेश:
राज्य उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को आदेश दिया कि वह परिवादी को बीमा राशि 20 लाख रुपए 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर के साथ प्रदान करे। आयोग के इस फैसले को उपभोक्ता हित में एक अहम निर्णय माना जा रहा है।