जितेंद्र सिंह दहिया, रायपुर: छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) घोटाले के कारण दवाओं और उपकरणों के लिए नए टेंडर नहीं हो रहे हैं। रीएजेंट घोटाले का खुलासा होने के बाद से कई सप्लायरों और निर्माण कंपनियों के भुगतान अटक गए हैं।
कई दवा कंपनियां जिन्होंने दो साल पहले ही दवाओं की सप्लाई कर दी है उनका भुगतान नहीं हुआ है। इस वजह से दवा कंपनियों ने सीजीएमएससी से दूरियां बना ली हैं। अब दवाओं की खरीदी अटक गई है। इसका फायदा पूरी तहर से पुरानी कंपनियों को हो रहा है।
सीजीएमएससी द्वारा दवा एवं औषधियों की खरीद के लिए जारी की गई कुल 16 निविदाएं दो वर्ष से लंबित हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 614 दिन बीतने के बावजूद एक भी निविदा की ‘कवर ए’ तक नहीं खोली गई है। इनमें से कई टेंडर 2023-24 और 2024-25 की अवधि के हैं और उनमें बार-बार पूर्व की कंपनियों से ही री-टेंडर किया जा रहा है।
100 से अधिक दवा और उपकरण की खरीदी में विलंब सबसे पुराने टेंडर को 614 दिन हो चुके हैं। इसके अलावा सबसे नए को 246 दिन हो चुके हैं। कुछ निविदाओं में 100 से अधिक दवा व उपकरण शामिल हैं।
सरकारी अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को गुणवत्तापूर्ण दवाइयों की आपूर्ति के लिए सीजीएमएसी की भूमिका अहम है, लेकिन निविदाएं दो वर्ष से अटकी पड़ी हैं। इससे दवाओं की आपूर्ति बाधित हो रही है और सरकारी व्यवस्था की पारदर्शिता एवं तत्परता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
बीते आठ माह में बिना नए टेंडर के तकरीबन 100 करोड़ की खरीदी हो चुकी है। चुनंदा दवाएं जिनका रेट कांट्रेक्ट डेढ साल पहले खत्म हो चुका है। सिर्फ नाइन एम फार्मा कंपनी से बिना नए टेंडर के 100 प्रकार की दवाएं खरीदी जा रही हैं। जबकि इसी कंपनी की आधा दर्जन गुणवत्ताहीन दवाएं सप्लाई करने के मामले सामने आ चुकें है। जिनके प्रोडक्ट क्वालिटी जांच में फेल हो चुके हैं।
सीजीएमएससी में रीएजेंट घोटाले का खुलासा होने के बाद से प्रदेश में चल रहे अस्पतालों के काम अटक गया है। इसके अलावा कई दवा कंपनियां जिन्होंने दो साल पहले ही दवाओं की सप्लाई कर दी है उनका भुगतान अटका हुआ है। निर्माण कार्य रुकने से प्रदेश को मिलने वाले नए अस्पताल समय पर नहीं बन पा रहे हैं।
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जिन दवाओं और उपकरणों की निविदा लंबित है उन्हें जल्द ही पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) से खरीदी की जा रही है।
-श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री, स्वास्थ्य