आकाश शुक्ला। रायपुर। अब दांतों यानी बत्तीसी प्रत्यारोपण के लिए निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च नहीं करने पड़ेंगे। प्रदेश के एक मात्र शासकीय डेंटल कालेज, रायपुर में बत्तीसी प्रत्यारोपण (इंप्लांट सपोर्टेड बत्तीसी) की सुविधा शुरू कर दी गई है। चिकित्सकों ने 52 वर्षीय मरीज की जटिल सर्जरी कर बत्तीसी प्रत्यारोपण किया। इससे मरीज को राहत मिली।
चिकित्सकों ने बताया कि मरीज के दांत झड़ने के साथ ही मसूड़ों में मवाद भर गया था। असहनीय दर्द से जूझ रहे मरीज को खाने-पीने में काफी तकलीफ हो रही थी। जैसे-तैसे खाने को निगल ही पा रहे थे। निजी अस्पतालों में केस बिगड़ने और पूरे इलाज में करीब साढ़े चार लाख रुपये तक खर्च बताने के बाद मरीज शासकीय डेंटल कालेज पहुंचे। जांच के बाद प्रोस्थोडोंटिक्स क्राउन एंड ब्रिज के विभागाध्यक्ष डा. दीपेश कुमार गुप्ता व उनकी टीम ने जटिल सर्जरी कर इंप्लांट सपोर्टेड बत्तीसी लगाकर मरीज को राहत दी।
इंप्लांट सपोर्टेड बत्तीसी प्रक्रिया
दंत चिकित्सकों ने बताया कि मरीज के मसूड़ों से मवाद हटाने इलाज से ठीक किया गया। चिकित्सकीय प्रक्रिया के धातु से छह प्रत्यारोपण से जड़ बनाया गया। इसमें कृत्रिम बत्तीसी को प्रत्यारोपित कर दिया गया। यह सर्जरी अन्य प्रत्यारोपण से काफी जटिल होती है। इसमें ढाई लाख रुपये से चार लाख रुपये तक खर्च आते हैं। नकली दांत असली दांतों की तरह ही लगते हैं।
बत्तीसी लगाने की सामान्य प्रक्रिया
सामान्य प्रक्रिया के तहत कृत्रिम दांतों को मसूड़ों में खांचा बनाकर अस्थायी रूप से प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। इस दांत से खाना खाने व चबाने के लिए काफी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। दांत बार-बार बाहर आ जाते हैं। मसूड़ों को भी क्षतिग्रस्त कर देते हैं। ऐसे में मरीजों को बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है। इसका खर्च भी इंप्लांट सपोर्टेड बत्तीसी की तुलना में बेहद होता है।
डेंटल कालेज में इलाज व्यवस्था पर एक नजर
350 औसत मरीज पहुंचते हैं ओपीडी में हर रोज
80 औसत मरीज आते हैं प्रोस्थोडोंटिक्स क्राउन एंड ब्रिज विभाग में
15 अलग-अलग तरह के प्रत्यारोपण हर माह हो रहे
प्रोस्थोडोंटिक्स क्राउन एंड ब्रिज विभाग के विभागाध्यक्ष डा. दीपेश कुमार गुप्ता ने बताया, इंप्लांट सपोर्टेड बत्तीसी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रक्रिया से एक मरीज का बत्तीसी प्रत्यारोपण भी किया गया है। निजी में चार लाख रुपये तक खर्च आता है, जबकि डेंटल कालेज में बेहद कम खर्च में शासकीय दर प्रत्यारोपण हुआ।
रायपुर शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विरेंद्र वाढेर ने कहा, मरीजों की सुविधा के लिए बत्तीसी प्रत्यारोपण शुरू कर दिया गया है। दो एक्सरे-यूनिट भी शुरू हुए हैं। मरीजों को अधिक से अधिक सुविधा मिले। इसके लिए लगातार सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। हमारा फोकस मरीजों को और बेहतर सेवाएं देने व शोध कार्यों पर है।