
रायपुर। डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में चूहों को मारने का अभियान जारी है। इस अनोखे, लेकिन कारगर अभियान में अब तक 4 हजार चूहों को मारा जा चुका है। अब ठेका कंपनी चूहों को जहर देकर नहीं, बल्कि केक खिलाकर मारेगी। अस्पताल के बाहर चूहों के बिलों को सील बंद कर दिया गया है, बुधवार से अस्पताल के अंदर अभियान शुरू कर दिया गया।
लक्ष्मी फ्यूमिगेशन एंड पेस्ट कंट्रोल लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों ने अस्पताल के अंदर सबसे पहले ओपीडी कमरों को चुना, जहां चूहों का आंतक सबसे ज्यादा है। ओपीडी के साथ-साथ टॉयलेट में फ्यूमिगेशन किया गया। कंपनी के कर्मचारियों ने 'नईदुनिया' को बताया कि अब उन्हें शेष काम अस्पताल के अंदर करना है, जहां मरीज और दवाइयां होती हैं, इसलिए जहर का इस्तेमाल नहीं कर सकते। मगर चूहे मारने हैं, इसलिए इन पर एक अलग प्रयोग करना होता है। एक विशेष प्रकार का केक जो सिर्फ चूहों को मारने के लिए बना होता है। कोरोमेंडिनामिक नामक इस केक में एक ऐसा केमिकल होता है जो चूहों के खून से विटामिन-ए की मात्रा को कम कर देता है, जिसकी वजह से चूहों के दांत की ग्रोथ और चूहों द्वारा इन्हें पैना (शार्प) बनाने की प्रक्रिया रुक जाती है। जिससे चूहों का चीजों को कतरने का गुण समाप्त हो जाता है। दूसरा यह केमिकल खून को पतला करता चला जाता है, जिससे एक स्थिति में आकर चूहे की मौत हो जाती है।
10 दिन में खत्म हो जाएंगे चूहे-
अस्पताल के अंदर शुरू हुए इस अभियान के तहत टॉयलेट, ओपीडी में चूहों के बिलों को बंद किया जाएगा। उन्हें केमिकल वाला केक खिलाया जाएगा। इसके बाद वार्ड में यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी। ठेका कंपनी का दावा है कि अब चूहों की संख्या कम ही बची है। 90 फीसदी चूहे मारे जा चुके हैं, 10 से 15 दिन में बाकी भी खत्म हो जाएंगे।
विटामिन-ए कम करना है
अस्पताल के बाहर का काम पूरा हो चुका है। अब हमनें अस्पताल के अंदर काम शुरू कर दिया है। अस्पताल के अंदर जहर का इस्तेमाल नहीं कर सकते, इसलिए अब एक स्पेशल केक का इस्तेमाल करेंगे, जिसमें मिला केमिकल चूहों के अंदर विटामिन-ए की मात्रा कम कर देगा।
-योगेंद्र कुमार, सुपरवाइजर, लक्ष्मी फ्यूमिगेशन एंड पेस्ट कंट्रोल लिमिटेड