रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नए फसल की खुशी में हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व नुआखाई शनिवार को पूरे छत्तीसगढ़ में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। उत्कल समाज के लोग सामाजिक एकता, प्रेम एवं भाईचारे का संदेश देंगे। पर्व की पूर्व संध्या पर समाजसेवी सावित्री जगत ने निर्धन बस्तियों में साड़ी, धोती, चावल, चिवड़ा, धान का वितरण किया, ताकि निर्धन भी इस पर्व को उत्साह से मना सकें।
उन्होंने कहा कि जो लोग सक्षम हैं, वे तो त्योहार अच्छी तरह से मना सकते हैं, लेकिन गरीबों को भी इस त्योहार को मनाने का मौका मिलना चाहिए। उत्कल महिला प्रकोष्ठ की हेमा सागर, सीमा छत्री, कौशल्या सागर, अनीता बघेल, संतोषी गौतमा मेश्राम, बिंदिया नाग, पिंकी निहाल, हिरनी दीप आदि महिलाओं ने योगदान दिया।
अवकाश देने की मांग
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के मुख्य प्रवक्ता एव उत्कल समाज के समाजसेवी भगवानू नायक ने नुआखाई पर्व पर हर साल सार्वजनिक अवकाश देने की मांग की है। नायक ने बताया कि नए फसल से अन्ना आने की खुशी में घर-घर में यह पर्व मनाया जाता है। कोसली भाषा में धनुआध का अर्थ धनयाध और खाई का अर्थ खाना होता है अर्थात नए अन्ना को ग्रहण करना। उत्कल समाज के लोग आपसी मनमुटाव को भुलाकर, आपसी भाईचारा, सामाजिक-सदभाव और सामाजिक एकता का संदेश देंगे।
ऐसे मनाएंगे पर्व
घर-घर में लीपा-पोछा की रस्म निभाएंगे। गोबर पानी से लीपकर घर की पुताई करेंगे। नए कपड़े, पूजन सामग्री खरीदेंगे। देवी-देवताओं, पूर्वजों को नवान्ना का प्रसाद अर्पित करेंगे। एक साथ बैठकर कुरे पत्ता में नुआ चुरा प्रसाद खाएंगे। इसके बाद एक-दूसरे से भेंट-मुलाकात करके बुजुर्गों से आशीर्वाद लेंगे। गीत-संगीत नृत्य का भी आयोजन होगा।