छत्तीसगढ़ में चार साल में 46 से घटकर 19 हो गई बाघों की संख्या
छत्तीसगढ़ के वन मंत्री का दावा, गणना की तकनीक में बदलाव से यह गिरावट - सरकार कर रही संरक्षण की कोशिश।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Tue, 25 Aug 2020 08:38:30 PM (IST)
Updated Date: Wed, 26 Aug 2020 05:39:31 AM (IST)

राज्य ब्यूरो, रायपुर । प्रदेश में बाघों की संख्या में 2018 से 2014 के बीच भारी गिरावट दर्ज की गई है। 2014 में हुई गणना में 46 बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। चार वर्ष बाद 2018 की गणना में यह संख्या घटकर 19 रह गई।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर के अनुसार बाघों की संख्या में यह कमी गणना की तकनीक के बदलाव के कारण आई है। विधानसभा में दिए लिखित जवाब में वन मंत्री अकबर ने बताया कि बाघों की संख्या में कमी आने के मुख्य कारण कैमरा ट्रैप पद्धति है। वर्ष 2018 में आकलन इसी तकनीक की गई। पूर्व के वर्षों में पगमार्ग व मल की गणना विधि को अपनाया गया था।
प्रदेश में इंद्रावती टाइगर रिजर्व, उदंती सीतानदी टाइगर रिवर्ज और अचानकमार टाइगर रिजर्व नाम से तीन टाइगर रिजर्व हैं। जनवरी 2019 से 31 जुलाई 2020 तक प्रदेश में बाघों के संरक्षण पर प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अंतर्गत 13.86 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन बाघ और वन्यजीवों को लेकर अरुण वोरा, अजय चंद्रकार, डॉ. रेणु जोगी और धर्मजीत सिंह सवाल किए थे।
डेढ़ वर्ष में चार बाघों की मौत
एक अन्य प्रश्न के जवाब में मंत्री ने बताया कि टाइगर रिजर्व के अवाला प्रदेश के तीन चिड़िया घरों में 36 बाघ हैं। तेंदुओं की संख्या 846 और चिड़िया घरों में रखे गए तेंदुओं की संख्या 17 है। जनवरी 2019 से 31 जुलाई 2020 के बीच राज्य में चार बाघ, 23 तेंदुआ और 22 हाथियों की मौत हुई है।