रायपुर, राज्य ब्यूरो। nyay yojna: छत्तीसगढ़ में धान उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती (21 मई) पर मिलेगी। इस वर्ष योजना का लाभ राज्य के करीब 20 लाख से ज्यादा किसानों को मिलेगा। चालू वित्तीय वर्ष के बजट में सरकार ने इस योजना के लिए 5,703 करोड़ का प्रविधान किया है। इस बार भी योजना की पूरी राशि का भुगतान चार किस्तों में किया जाएगा।
इस योजना को लेकर शुक्रवार को कृषि मंत्री रविंद्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की वर्चुअल बैठक हुई। चौबे ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से यह अनुशंसा की गई कि राज्य के किसानों को गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत फसल उत्पादकता प्रोत्साहन राशि (इनपुट सपोर्ट) की पहली किस्त 21 मई को प्रदान की जाए।
मंत्रिमंडलीय उप समिति कि इस अनुशंसा पर अंतिम फैसला कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डा.प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल सहित अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डा. एम. गीता, खाद्य सचिव डा. कमलप्रीत सिंह, कृषि सचिव अमृत कुमार खलखो सहित विभागीय अधिकारी शामिल हुए।
बढ़ेगा योजना का दायरा
बैठक में खरीफ 2021 में राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे को बढ़ाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि खरीफ सीजन-2021 में धान, गन्ना, मक्का की खेती करने वाले किसानों के साथ-साथ दलहन, तिलहन, कोदो -कुटकी, रागी, रामतिल आदि की खेती करने वाले किसानों को भी इस योजना में लाभांवित किया जाएगा। मंत्री चौबे ने बताया कि खरीफ फसलों की खेती के लिए इनपुट सपोर्ट दिए जाने का प्रस्ताव कृषि विभाग तैयार करेगा, जिसे शीघ्र ही कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
प्रति क्विंटल 612 से 665 रुपये मिलेगा
धान की प्रोत्साहन राशि के रूप में किसानों को प्रति क्विंटल 612 से 665 रुपये मिलेगा। बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा किया था। इसके तहत सरकार एमएसपी के बाद अंतर की राशि का भुगतान इस योजना के तहत करती है। पिछले वर्ष इस योजना के तहत किसानों को चार किस्तों में 5627.89 करोड़ रुपये दिया गया था।
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी (2020-21)
- 21 लाख 52 हजार 475 किसानों ने कराया था पंजीयन
- 20 लाख 53 हजार 483 किसानों ने बेचा धान
- 92 लाख टन से अधिक हुई धन की खरीदी
- 1835 व 1888 था इस वर्ष समर्थन मूल्य
- 5,703 करोड़ का है प्रविधान