रायपुर । छत्तीसगढ़ के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में अफसरों की मनमानी के यहां दो उदाहरण हैं। नियंत्रक- महालेखापरीक्षक (कैग) ने अपनी रिपोर्ट में ऐसे कई मामलों को उजागर किया है। कैग ने अपनी रिपोर्ट में पीडब्ल्यूडी की कार्यप्रणाली को लेकर गंभीर टिप्पणी की है। कहा है कि पिछली रिपोर्ट में चार अनुशंसाएं की गई थीं। इनमें से दो का विभाग ने पालन ही नहीं किया और दो का आंशिक रूप से अमल किया।
केस-1
सरकार ने सूरजपुर में श्याम बाबा मंदिर से पीआरए रोड और केतका रोड शिव मंदिर मार्ग पर ब्लैक टॉप (बीटी) नवीनीकरण के दो कार्यों को मंजूरी दी। इसके लिए क्रमश: 55.41 व 79.37 लाख रुपए स्वीकृत किए गए।
सूरजपुर के कार्यपालन अभियंता ने इन दोनों कामों के लिए टेंडर नहीं किया और प्रेमनगर के भगवानपुर- आनंदपुर रोड बना रहे ठेकेदार को यह काम सौंप दिया। इसके लिए ठेकेदार को 63.15 लाख का भुगतान किया गया, लेकिन दिसंबर 2017 तक काम पूरा नहीं हुआ था।
केस-2
अंबिकापुर में सायर- केदमा से होते हुए बिलासपुर- अंबिकापुर मार्ग से वितरंगा मार्ग के निर्माण में सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बिना ही प्राक्कलित मात्रा से 25 फीसद से अधिक वृद्धि सुपर स्ट्रक्चर में पीसीसी- आरसीसी कार्य का 44.07 लाख की लागत के कार्य का अनुमोदन किया गया।
विभागीय सचिव ने कैग को बताया कि इस मामले में स्पष्टीकरण मांगी गई है। विभागीय स्तर पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अगस्त 2018 तक कैग को काईवाई के संबंध में कोई जानकारी नहीं दी गई।
कैग की अनुशंसाओं पर कार्यवाही
पिछले निष्पादन लेखापरीक्षा प्रतिवेदन में इंगित की गई कमियों जैसे विस्तृत सर्वेक्षण के बिना कार्य का निष्पादन, विशिष्टियों का अनुशरण किए बिना कार्यों का निष्पादन, निविदा आमंत्रित किए बिना अतिरिक्त कार्य का निष्पादन इत्यादि को निरंतर जारी रखा गया। परिणामस्वस्र्प विगत चार अनुशंसाओं में से दो का पालन नहीं किया गया, जबकि दो अनुशंसाओं की आंशिक रूप से पालन किया गया था।
बिना विस्तृत सर्वे किया काम पड़ा 5.42 करोड़ का भार
कैग की अनुशंसा पर सरकार ने निर्णय लिया (अक्टूबर 2014) कि निर्माण कार्य के लिए आवश्यक 90 फीसद जमीन अधिग्रहित किए जाने तक निविदा आमंत्रित नहीं की जाएगी। कैग ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि अभी भी विस्तृत सर्वेक्षण के बिना ही कार्य किए जा रहे हैं। कैग के अनुसार विभाग ने तीन संभागों में बिना विस्तृत सर्वेक्षण के पांच कार्य किए गए। इससे लगात 5.42 करोड़ स्र्पये बढ़ गया।
एमनएनपी फंड का दूसरे मदों में उपयोग
कैग के अनुसार एमएनपी (न्यूनतम जस्र्रत कार्यक्रम) के तहत मिले फंड का विभाग ने दूसरे कामों में उपयोग किया। कैग ने विभाग के 10 संभागों में से आठ में वर्ष 2013 से 17 के दौरान एमएनपी के तहत स्वीकृत 92.24 करोड़ के 17 कार्य ग्रामीण सड़क के अतिरिक्त अन्य सड़कों के निर्माण के लिए थे। इसमें जुलाई 2018 तक गैर एमएनपी कार्य जैसे शहरी इलाकों में आंतरिक नगर मार्ग, मुख्य जिला मार्ग, अंतरराज्यीय प्रमुख मार्ग, महत्वपूर्ण बाइपास मार्ग आदि पर 46.36 करोड़ रुपए खर्च किए गए।