रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Railway News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल के अंतर्गत जयरामनगर-लटिया स्टेशनों के मध्य ट्रैफिक कम पावर ब्लाक का का कार्य 23 सितंबर को तीन घंटे 20 मिनट और 25 सितंबर को पांच घंटे 10 मिनट तक किया जाना है। इसके कारण तीन स्पेशल ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहेगा। देरी से रवाना होने वाली ट्रेनों में 25 सितंबर को गाड़ी संख्या 08239 गेवरा रोड-इतवारी स्पेशल गेवरा रोड से एक घंटे देरी से रवाना होगी।
इसी तरह 25 सितंबर को गाड़ी संख्या 08261 गोंदिया-झारसुगुड़ा मेमू स्पेशल गोंदिया से दो घंटे 15 मिनट की देरी से रवाना होगी। वहीं, गाड़ी संख्या 02101 कुर्ला–हावड़ा ज्ञानेश्वेरी स्पेशल ट्रेन नागपुर और बिलासपुर के बीच 45 मिनट नियंत्रित की जाएगी। इस दौरान यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए रेल मंडल ने खेद जताते हुए सहयोग की अपील की है।
केवटी-दुर्ग-दल्लीराजहरा डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन की 27 सितंबर से
रेल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने दुर्ग एवं केवटी के मध्य 08818/08824 केवटी-दुर्ग-दल्लीराजहरा डेमू पैसेंजर स्पेशल ट्रेन का 27 सितंबर से प्रतिदिन परिचालन का फैसला किया है। यह स्पेशल ट्रेन आगामी आदेश तक चलती रहेगी। ट्रेन में सफर के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना होगा।
राजिम-धमतरी विंटेज ट्रेन बंद करना गलत निर्णय- रिजवी
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के मीडिया प्रमुख और वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि रायपुर से राजिम-धमतरी तक चलने वाली छोटी रेल लाइन की ट्रेन को बंद करना भाजपा सरकार का गलत निर्णय था। इस छुकछुक ट्रेन, जिसे प्रारंभ में दु डबिया ट्रेन कहा जाता था। उसको बंद करना उक्त रेल लाइन के स्टेशन एवं आस-पास के ग्रामीण अंचलों के निवासियों का एक सस्ता यातायात का साधन समाप्त कर दिया गया।
ज्यादातर उस ट्रेन से ग्रामीण अंचल के किसानों, अन्य निवासी शहर आकर रोज की दिनचर्या निपटाकर शाम को लौट जाते थे, उनसे यह सुविधा छिन ली गई है। रिजवी ने बताया कि नैरो गेज की उक्त ट्रेन यदि बंद न कर उसे आकर्षक बनाया जाता तो बेहतर होता। उक्त हेरिटेज ट्रेन सौ साल से भी ज्यादा पुरानी थी। वह दूरदराज के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकती थी।
देश-विदेश से टूरिस्टों को यह ट्रेन आकर्षित करने वाली होती, जिसे केवल कमीशनखोरी के लिए बंद कर दिया गया। उसके स्थान पर एक्सप्रेस वे बनाया गया, जो घटिया गुणवत्ता के कारण बंद पड़ा है। एक्सप्रेस वे निर्माण गुणवत्ता की जांच ढाई साल से ठंडे बस्ते में बंद है। एक्सप्रेस वे के घटिया निर्माणकर्ता ठेकेदार, इसकी अनुमति देने वाले कमीशनखोर लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न होना, छत्तीसगढ़ की जनता के राजस्व की बर्बादी ही कहा जाएगा।