रायपुर। ऑक्सीजन एक्सप्रेस 50 घंटे में 1850 किमी की दूरी तय कर शनिवार को महाराष्ट्र पहुंच गई। रेलवे ने ऑक्सीजन एक्सप्रेस के परिचालन को एक चुनौती के रूप में लिया और महाराष्ट्र के कलंबोली से नागपुर, गोंदिया, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, भिलाई, रायपुर, लखोली होते हुए विशाखापट्टनम तक और वापस इसी रास्ते से नासिक तक पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस सफलतापूर्वक चलाई।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस में सात टैंकर
ऑक्सीजन एक्सप्रेस में सात टैंकर रखे गये थे, जिसमें 100 से अधिक टन एलएमओ (लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन) दस घंटे में लोड की गई और केवल 21.00 घंटे में वापस नागपुर ले जाया गया। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को ऑक्सीजन एक्सप्रेस पूर्व तट रेलवे से लाखौली इंटरचेंज प्वाइंट पर 10.45 सुबह में प्राप्त हुआ था, जिसे रायपुर मंडल ने दुर्ग इंटरचेंज प्वाइंट पर नागपुर मंडल को 12.25 दोपहर में सौंप दिया।
नागपुर मंडल ने राजनांदगांव, डोंगरगढ़, गोंदिया, भंडारा रोड, कांप्टी स्टेशनों से सफलतापूर्वक परिचालन करते हुए इसे रात्रि 8.10 बजे दिनांक 23 अप्रैल को मध्य रेलवे नागपुर स्टेशन पहुंचा दिया। नागपुर में तीन टैंकरों को उतार दिया है और शेष चार टैंकर शनिवार की सुबह 10.25 बजे नासिक पहुंच गए हैं, यानि नागपुर से नासिक का अंतर केवल 12 घंटे में पूरा किया।
सड़क मार्ग से लगते हैं तीन दिन
ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन का परिवहन, सड़क परिवहन की तुलना में लंबा है लेकिन जल्दी हो जाता है। रेलवे द्वारा परिवहन में दो दिन लगते हैं, जबकि सडक मार्ग द्वारा तीन दिन लगते हैं। ट्रेन दिन में 24 घंटे चलती है, ट्रक ड्राइवरों को रोड पर हाल्ट आदि लेने की आवश्यकता होती है। इन टैंकरों की तेज गति के लिए ग्रीन कारिडोर बनाया गया है और आवाजाही की निगरानी शीर्ष स्तर पर की गई है क्योंकि यह एक कठिन समय है।