रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ के एकमात्र शासकीय सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में पिछले एक वर्ष में 300 से अधिक मरीजों को राहत मिली है। बता दें कि डीकेएस राज्य का एकमात्र शासकीय अस्पताल है, जहां पार्किंसंस बीमारी के लिए अलग विशेष ओपीडी चलाई जा रही है। इस ओपीडी में राज्य के अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोग भी इलाज के लिए आ रहे हैं।
राज्य के अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश से आ रहे मरीज
न्यूरोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. अभिजीत कुमार ने बताया कि पिछले वर्ष 15 अप्रैल से विशेष ओपीडी शुरू हुई थी। यहां मरीजों को शासकीय योजना के तहत निश्शुल्क इलाज के साथ ही बीमारियों को लेकर शोध भी किया जा रहा है। रोगियों के लिए जल्द ही डीप ब्रेन स्टिमुलेशन की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
डा. अभिजीत ने बताया पार्किंसंस एक न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग है। इस बीमारी से मस्तिष्क की कोशिकाओं का पतन होने लगता है। मस्तिष्क के बैसन के गैंग्लियां नामक स्थान पर कोशिकाओं का विनाश सर्वाधिक होता है। मस्तिष्क में डोपामाइन तत्वों की कमी से शरीर की गति करने की क्षमता कम हो जाती है। धीरे-धीरे मरीज मानसिक समस्याओं की ओर बढ़ता है। इसके अलावा पार्किंसंस का संबंध पेट से होता है। इसलिए मरीजों में कब्ज की समस्या निगलने में कठिनाई आम बात है।
ऐसे आते हैं लक्षण
डा. अभिजीत ने बताया कि बीमारी की वजह से शरीर में कंपकंपी खासकर जब आप आराम कर रहे हांे, हाथ-पैर में कठोरता, धीरे-धीरे कदमों से चलना या झुक कर चलना, संतुलन और तालमेल की समस्याएं आदि। रोग की समस्याएं सामान्य बीमारी की तरह होती हैं, जो बाद में गंभीर रूप ले लेती हंै। बीमारी को लेकर जागरूकता न होने की वजह से लोग समय पर इलाज नहीं करा पा रहे हैं।
डीकेएस अस्पताल विभागाध्यक्ष, न्यूरोलाजी डा. अभिजीत कुमार ने कहा, पार्किंसंस बीमारी के लिए अस्पताल में बेहतर इलाज की सुविधा है। बीमारी को लेकर परामर्श के लिए 9755538189 नंबर पर संपर्क कर सहायता ले सकते हैं।