विकास सोनी, रायपुर (नईदुनिया)। Patvari Strike In CG: पटवारियों की हड़ताल का सीधा असर अब आम जनता पर पड़ता दिखाई दे रहा है। आंकड़ों के अनुसार प्रदेशभर के विभिन्न राजस्व न्यायालयों में 1.40 लाख से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं। अकेले रायपुर जिले में सर्वाधिक आठ हजार से ज्यादा मामले अटके हुए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार इस हड़ताल की वजह से 30 से 40 प्रतिशत मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है या फिर उनकी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। पटवारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें चर्चा के लिए नहीं बुलाया गया है, जबकि प्रशासन का कहना है कि संघ वाले ही मिलने नहीं आ रहे हैं।
बता दें कि पटवारी 15 मई से हड़ताल पर हैं। अभी कालेजों और स्कूलों में प्रवेश से लेकर विभिन्न भर्तियां की जा रही हैं। इनसे जुड़े जरूरी कागजात बनवाने के साथ ही लोग अन्य कई प्रकार के काम के सिलसिले में तहसील से लेकर पटवारी कार्यालयों तक की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन पटवारियों की हड़ताल के चलते उनका काम नहीं हो पा रहा है। इससे ज्यादातर लोग परेशान हैं।
21 जिलों में तीन हजार से ज्यादा मामले लंबित
राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार लंबित मामलों में सबसे आगे रायपुर है, जबकि 21 जिलों में तीन हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। वहीं अन्य जिलों में लंबित प्रकरणों की संख्या तीन हजार से कम है। दो जिले ही ऐसे हैं, जहां हजार से भी कम मामले लंबित हैं।
पुराने संघ के 700 पटवारी अब भी काम पर
पटवारी संघ भी हड़ताल को लेकर दो गुटों में बंटा हुआ है। इसमें एक गुट छत्तीसगढ़ पटवारी संघ का है, जिसमें लगभग 700 सदस्य हैं। ये सभी कार्य पर हैं। वहीं दूसरा गुट राजस्व पटवारी संघ का है। इसमें लगभग पांच हजार पटवारी हैं। इनकी संख्या ज्यादा होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
विभिन्न तहसीलों में शिविर भी हो रहे प्रभावित
रायुपर जिले में ही तहसील के राजस्व प्रकरणों के नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, व्यपवर्तन, किसान किताब, जाति प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र एवं अन्य राजस्व से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए शिविर आयोजित कराया जा रहा है। इसमें एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारियों की उपस्थिति जरूरी है, लेकिन इस हड़ताल की वजह से शिविरों का आयोजन भी नहीं हो रहा है।
2020 में राजस्व मंत्री के आश्वासन पर हड़ताल वापस ली थी
राजस्व सचिव झूठ बोल रहे हैं। उनका न तो मेरे पास कोई काल आया, न ही हमारे सचिव के पास कोई संदेश आया। हमने पहले भी सांकेतिक हड़ताल की थी। तब भी उन्हें बताया था। 2020 में राजस्व मंत्री के आश्वासन पर हमने हड़ताल वापस ली थी। अब जब तक उनकी ओर से कोई संदेश नहीं आता, हम मिलने नहीं जाएंगे।
भागवत कश्यप, प्रांताध्यक्ष, राजस्व पटवारी संघ
वैधानिक कार्रवाई की जाएगी
राज्य शासन की ओर से राजस्व पटवारी संघ के लोगों को बातचीत करने के लिए 28 और 29 मई को बुलाया गया था, लेकिन दोनों ही दिन वे नहीं आए। वे काम ही नहीं करना चाहते। अब उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
एनएन एक्का, सचिव, राजस्व विभाग, छत्तीसगढ़