आइएसबीएम विवि के खिलाफ याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- गलत है आरोप, प्रबंधन ने याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस में की शिकायत
आइएसबीएम विश्वविद्यालय के खिलाफ लगी जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Tue, 24 Jan 2023 10:56:43 AM (IST)
Updated Date: Tue, 24 Jan 2023 10:56:43 AM (IST)

रायपुर। आइएसबीएम विश्वविद्यालय के खिलाफ लगी जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर विश्वविद्यालय के खिलाफ गलत आरोप लगाए जाने और विश्वविद्यालय को बदनाम किए जाने की बात कही है।
आइएसबीएम के डिप्टी रजिस्ट्रार राकेश तिवारी ने बताया कि विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की नीयत से रायपुर के कथित आरटीआइ एक्टीविस्ट ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। कोर्ट ने विधिवत रूप से सभी पक्षों के लिखित जवाब सुनने के बाद 18 जनवरी को आदेश जारी करते हुए याचिका खारिज कर दी।
कोर्ट ने कहा कि जनहित याचिका कमजोर वर्ग के लोगों के बचाव के लिए है, इसका उद्देश्य निजी हितों और व्यक्तिगत लाभों को प्राप्त करना नहीं है। तिवारी ने बताया कि बीते एक साल से कथित आरटीआइ कार्यकर्ता द्वारा लगातार सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, प्रेसवार्ता, रायपुर के मुख्य मार्ग में होर्डिंग व अन्य माध्यमों का उपयोग कर फर्जी अंकसूची को विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया जाना बताता रहा।
विवि की छवि धूमिल करने का प्रयास
आइएसबीएम के डिप्टी रजिस्ट्रार तिवारी ने बताया कि लगातार भ्रामक प्रचार से विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने प्रयास चलता रहा। इस बीच गरियाबंद पुलिस अधीक्षक, सिविल लाइन थाना, गरियाबंद कलेक्टर से भी लिखित शिकायत की गई थी। इसपर जांच के बाद विश्वविद्यालय को क्लीन चिट मिली। इसके बाद हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई, जिसे भी अब कोर्ट ने खारिज कर दी है। व्यक्ति द्वारा विश्वविद्यालय को ब्लैकमेल करने के मकसद से साजिश रची गई थी।
विश्वविद्यालय ने पुलिस में की शिकायत
आइएसबीएम के डिप्टी रजिस्ट्रार राकेश तिवारी ने बताया कि कोर्ट से विश्वविद्यालय को क्लीनचिट मिलने के बाद अब विश्वविद्यालय की तरफ से भी आरटीआइ एक्टीविस्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत की है। तिवारी ने बताया कि छुरा थाना, गरियाबंद एसपी, डीजी, आइजी तक आरटीआइ एक्टीविस्ट के खिलाफ हमने शिकायत की है। वहीं मामले में ठोस कार्रवाई की मांग की है।