
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। प्रदेश में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती के परिणाम जारी होने के बाद विवाद तेज हो गया है। चयन सूची में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सैकड़ों अभ्यर्थी गुरुवार को याचिका दायर करने बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंचे। अभ्यर्थियों का कहना है कि कई जिलों में एक ही कैटेगरी में कम अंक पाने वाले चयनित हुए, जबकि अधिक अंक वाले बाहर कर दिए गए।
कुछ अभ्यर्थियों के नाम एक ही जिले में सामान्य और ओबीसी दोनों की प्रतीक्षा सूची में पाए गए, जिससे चयन प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अभ्यर्थियों ने मांग की है कि जांच पूरी होने तक नियुक्ति आदेश जारी न किए जाएं। उधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भर्ती को बड़ा घोटाला करार दिया है।
बैज ने सवाल उठाया कि लिखित अंकों को सार्वजनिक किया गया, तो शारीरिक परीक्षा के अंक क्यों नहीं जारी किए गए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार युवाओं के सपनों से खिलवाड़ कर भर्ती परीक्षाओं में लगातार गड़बड़ियां कर रही है।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने पुलिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर कहा है कि कांग्रेस अपनी सरकार में परीक्षा आयोजित नहीं कर सकी, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे पूरा किया। किसी दोषी के पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि सब-इंस्पेक्टर की आगामी परीक्षा भी होगी उन्होंने कहा कि विभाग की तैयारी के अनुसार आगामी तीन दिनों में मुख्यालय में अभ्यर्थियों की शिकायत को सुलझाया जाएगा।
त्तीसगढ आर्म फोर्स (सीएएफ)भर्ती के अभ्यर्थी गुरुवार को अपने स्वजनों के साथ गृह मंत्री विजय शर्मा से मिले। इस दौरान हुई चर्चा में इन अभ्यर्थियों ने 2018 की प्रतीक्षा सूची के चयनितों को नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की। ये लोग सात वर्ष से इंतजार कर रहे हैं।