Pitru Paksha 2022: इस बार 16 दिनों का होगा पितृ पक्ष, जानें किस दिन होगा किसका श्राद्ध
Pitru Paksha 2022: 10 सितंबर पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष प्रारंभ होगी। 25 सितंबर अमावस्या तिथि तक प्रतिदिन अर्पण-तर्पण किया जाएगा।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Thu, 08 Sep 2022 09:50:58 AM (IST)
Updated Date: Thu, 08 Sep 2022 09:50:58 AM (IST)

रायपुर। Pitru Paksha 2022: गणेश पर्व पर चतुर्दशी तिथि 9 सितंबर को घर-घर में विराजित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। भगवान गणेश को विदाई देने के अगले दिन 10 सितंबर पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष प्रारंभ होगी। इस बार पितृ पक्ष 15 दिनों के बजाय 16 दिनों का होगा। हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार प्रत्येक घर में पितरों को आमंत्रित करके नदी- तालाबों में अर्पण-तर्पण किया जाएगा। कौआ, कुत्ता, गोमाता, चींटी एवं अन्य जीवों के लिए भोजन निकालकर ब्राह्मणों को भोजन करवाकर यथाशक्ति दक्षिणा देकर पितरों को आदर देने की परंपरा निभाई जाएगी। 25 सितंबर अमावस्या तिथि तक प्रतिदिन अर्पण-तर्पण किया जाएगा। इस दौरान पितरों के लिए श्रीमद्भागवत कथा कराने का विशेष महत्व है।
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार धर्मग्रंथों में वर्णित है कि परिवार में पूजा-पाठ, शुभ संस्कार करने के लिए देवताओं से भी पहले अपने परिवार के पूर्वजों यानी पितरों की पूजा करनी चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में उल्लेखित है कि किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि पितृ दोष हो तो उसे अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके निवारण के लिए पितृ पूजा कराने का विधान है।
मृत्यु की तिथि पर ही करें श्राद्ध
धार्मिक मान्यता के अनुसार हिंदू संवत्सर की जिस तिथि के दिन किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, हर साल पितृ पक्ष के दौरान उसी तिथि पर मृत पूर्वजों के नाम पर श्राद्ध करना चाहिए। ऊंगली में कुशा धारणकर तिल, जौ, मिश्रित जल से दोनों हाथों की अंजुली में जल लेकर पूर्वज को याद करते हुए आकाश की ओर जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।
तीन ऋण महत्वपूर्ण
शास्त्रों में मनुष्यों के लिए तीन प्रकार के ऋण बताए गए हैं। देवऋण, ऋषिऋण तथा पितृऋण।
तिथि अनुसार श्राद्ध
10 सितंबर - पूर्णिमा
11 सितंबर - प्रतिपदा
12 सितंबर - द्वितीया
13 सितंबर - तृतीया
14 सितंबर - चतुर्थी
15 सितंबर - पंचमी
16 सितंबर - षष्ठी
17 सितंबर - सप्तमी
18 सितंबर - अष्टमी
19 सितंबर - नवमीं
20 सितंबर - दसमीं
21 सितंबर - एकादशी
22 सितंबर - द्वादशी
23 सितंबर - त्रयोदशी
24 सितंबर - चतुर्दशी
25 सितंबर - सर्वपितृ अमावस्या