श्रवण शर्मा, रायपुर। Plasma Donation: पिछले साल कई परिचितों, रिश्तेदारों की मौत से युवाओं का दिल दहल गया और उन्होंने ठान लिया कि जितना हो सकेगा, वे प्रयास करके मरीजों की जान बचाएंगे। इसके लिए दिन-रात जुटे और प्रदेशभर में ठीक हुए कोरोना मरीजों की जानकारी हासिल करके उन्हें दूसराें की जान बचाने के लिए प्रेरित करते हुए प्लाज्मा दान करवाने में योगदान दिया।
छत्तीसगढ़ के युवाओं के प्रयास से एक साल में लगभग 800 मरीजों का प्लाज्मा दान कराया गया। यह प्लाज्मा कोरोना ग्रस्त मरीजों को प्रदान कर उनकी जान बचाई गई। शुरुआती दौर में युवाओं के इस सेवाभावी कार्य को देखकर प्रांतीय अग्रवाल संगठन ने प्लाज्मा सेवा देने का जिम्मा उन्हें सौंप दिया। अब जो भी खर्च आता है, उसे संस्था वहन कर रही है।
पिछले साल 710 और इस साल 95 प्लाज्मा कराया उपलब्ध
प्रांतीय अग्रवाल संगठन के चेयरमैन अशोक अग्रवाल ने बताया कि पिछले साल मई से लेकर दिसंबर तक 710 मरीजों को प्लाज्मा उपलब्ध करवाया गया। इस साल अब तक 95 मरीजों को यह सेवा दी जा चुकी है। भविष्य में भी यह सेवा जारी रहेगी।
निश्शुल्क सुविधा
प्लाज्मा थैरेपी कोविड ग्रस्त मरीज को बचाने के लिए अंतिम विकल्प के तौर पर अपनायी जाती है। किसी व्यक्ति को कोविड हो जाने के पश्चात जब वह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में एंटी बॉडी युक्त ब्लड को ठीक होने के 28 दिनों के पश्चात डोनेशन के रूप में लिया जाता है।
इसी ब्लड से प्लाज़्मा बनाकर कोरोना मरीज को चढ़ाया जाता है। ये थेरेपी महंगी है,जिसमें प्लाज़्मा बनाने में ब्लड बैंक द्वारा 10-15 हजार रुपया का ख़र्च आता है। वहीं इसे मरीज को चढ़ाने के लिए हॉस्पिटल भी अनाप शनाप चार्ज करते हैं। संस्था द्वारा यह सेवा उस अस्पताल से संपर्क करके निश्शुल्क दी जा रही है।
हीरा, मोती, सोना से भी महंगा प्लाज्मा
प्लाज्मा दान करने के लिए सेवा में जुटे अंकित अग्रवाल बताते हैं कि पिछले साल कई मरीजों की मौत से दिल दहल गया। जब डॉक्टरों से प्लाज्मा थैरेपी से जान बचने के बारे में पता चला, तब हमने गांव, गांव, शहर,शहर जाकर लोगों को जागरूक करना शुरू किया। किसी को प्लाज्मा दान करने के लिए काफी समझाना पड़ता है, जब मरीज समझ जाता है कि इससे दूसरों की जान बचाई जा सकती है, तब वह तैयार होता है।
एक तरह से प्लाज्मा हीरा, मोती, सोना से भी महंगा है। मनुष्य की जान बचाने के लिए इसकी कोई कीमत नहीं है। इस कार्य में सहयोग देने वाले युवाओं में हेल्पिंग हैंड्स क्लब और प्लाज्मा डोनेशन समिति के संयोजक राजेश लोइया, ज्योति अग्रवाल, पिंकी अग्रवाल, पायल लाठ, शिवम अग्रवाल, प्रिया गोयल, कपिल, नागेंद्र कुमार, उदित अग्रवाल आदि दिनरात जुटे हैं। वे कहते हैं कि किसी की जान बचाने से ज्यादा पुण्य और क्या मिलेगा। इस कार्य के लिए वे धमतरी, रायपुर, दुर्ग ,राजनांदगांव, बिलासपुर, खरसिया, महासमुंद, बलौदाबाजार समेत अन्य शहरों में जाकर जागरूकता फैला रहे हैं।
मरीजों की जान बचाना हमारा धर्म
छत्तीसगढ़ प्रांतीय अग्रवाल संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष नेतराम अग्रवाल एवं प्रांतीय महामंत्री कन्हैया अग्रवाल का कहना है, हमारे युवाओं की टीम को हर संभव सहायता देंगे। मरीजों की जान बचाना ही हमारा एकमात्र उद्देश्य है। उन्होंने अपील की है कि लोग प्लाज़्मा देने के लिए आगे आएं और अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने में मददगार सिद्ध हों।