
संदीप तिवारी, नईदुनिया रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक नवंबर को राज्योत्सव के मौके पर राज्य के 3.51 लाख परिवारों को वर्चुअली 'गृह प्रवेश' कराएंगे। इसी के साथ भाजपा का विधानसभा चुनाव 2023 में किया गया 18 लाख आवास देने का वादा ('मोदी की गारंटी') भी पूरा होगा। प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में कुछ हितग्राहियों को अपने हाथों से आवास की चाबियां भी सौंपेंगे।
इस 'गृह प्रवेश' के बाद प्रदेश में अब तक तय हुए 26.76 लाख परिवारों को आवास देने का रास्ता खुल जाएगा। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत आदिवासी क्षेत्रों में 35 हजार आवास व विशेष योजना के तहत समर्पित माओवादियों व हिंसा से पीड़ितों के लिए भी 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं।
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस शासनकाल में केंद्रांश मिलने के बावजूद राज्यांश जारी न होने से लाखों परिवार आवास से वंचित थे। इस कारण तत्कालीन पंचायत मंत्री टीएस सिंह देव ने विभाग से इस्तीफा दे दिया था। चुनाव से पहले भाजपा ने आवास के लिए तरस रहे लोगों के लिए 'मोर आवास, मोर अधिकार' आंदोलन चलाया था, जिसे चुनावी मुद्दा बनाया गया। सत्ता में आते ही विष्णु देव साय की पहली कैबिनेट में 18 लाख गरीबों के आवास स्वीकृत किए गए।
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डिप्टी सीएम सह ग्रामीण एवं पंचायत विकास मंत्री विजय शर्मा ने आरोप लगाया पिछली सरकार ने 18 लाख आवास रोक कर रखे थे, जबकि उनकी सरकार ने पहले ही कैबिनेट में इसे स्वीकृत कर दिए। वहीं, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने पलटवार कर प्रश्न उठाया कि पहली कैबिनेट का 18 लाख आवास का क्या हुआ है?, 18 लाख में कितने स्वीकृत किए हैं? लोगों को ठगना बंद करें।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने बताया कि एक अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्रदेश में मकान बनने शुरू हुए थे और वर्ष 2023 तक 9.4 लाख बन पाए थे। पिछले 22 महीने में सात लाख 47 हजार आवास बनकर तैयार हो गए हैं। यह आवास निर्माण में एक रिकॉर्ड है।