नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर केरल की दो कैथोलिक ननों सिस्टर वंदना और सिस्टर प्रीति को पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वे तीन व्यस्क महिलाओं के साथ ट्रेन से आगरा के फातिमा अस्पताल जा रही थीं। बजरंग दल ने इन पर मतांतरण कराने का आरोप लगाया, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की। वहीं, केरल सरकार और चर्च संगठनों ने इस गिरफ्तारी को मनगढ़ंत और अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि दोनों नन को जबरन हिरासत में लिया गया और उन्हें अपने स्वजनों से भी बात नहीं करने दी गई। उन्होंने प्रकरण की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की आवश्यकता बताई है।
विवाद के बाद सीरो-मालाबार चर्च और भारतीय कैथोलिक बिशप सम्मेलन (सीबीसीआइ) ने भी सामने आकर गिरफ्तारी का विरोध किया है। सीबीसीआई ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए इसे ननों के खिलाफ षड्यंत्र बताया। उनका कहना है कि आरोप पूरी तरह से झूठे हैं और दस्तावेज मौजूद होने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई की।
कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। एआइसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल और विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने इसे राजनीतिक प्रताड़ना बताया है। वेणुगोपाल ने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में कहा कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले लगातार बढ़ रहे हैं – चाहे छत्तीसगढ़ हो, मध्य प्रदेश या ओडिशा। अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। केरल सरकार, चर्च संगठन और विपक्षी दल केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।