नईदुनिया प्रतिनिधि रायपुर: प्रदेशभर में 18 अगस्त से 16 हजार एनएचएम कर्मचारी और 75 हजार मितानिन हड़ताल पर है, जिसकी वजह से पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। गांव गांव में स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने में मितानिन और एनएचएम कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन हड़ताल की वजह से गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।
सरकारी अस्पताल में जहां रेगुलर कर्मचारी है वहां मरीजों की भीड़ इतनी ज्यादा हो रही है कि इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है और बिना इलाज करवाए ही वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं कुछ गर्भवती महिलाओं को मजबुरन निजी क्लिनिकों की ओर रुख करना पड़ रहा है जिसकी वजह से उन्हें मोटे दाम देकर इलाज करवाना पड़ रहा है, जो सीधे उनके आर्थिक स्थिति पर चोट कर रहा है।
गर्भवती महिलाओं के लिए गर्भवस्था के दौरान थायराइड, ब्लड और यूरिन महत्वपूर्ण जांच होती है, जिसे गर्भवती महिलाओं को बार बार करवाना पड़ता है। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में जांच प्रभावित होने की वजह से गर्भवती महिलाओं को जिला अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है। भिड़ ज्यादा और स्टॉफ की कमी की वजह से जिला अस्पताल में भी सीमित मरीजों की ही जांच हो रही है। वहीं कुछ महिलाएं घंटों इंतजार करने के बाद निराश होकर वापस घर लौट रही है तो कुछ महिलाएं घंटों लाइन में लगने के बाद भी इलाज नहीं होने पर निजी क्लीनिकों की ओर रुख कर रही हैं।
इंटरनेट मीडिया पर एक विडियो वायरल हो रहा है। जिसमें गर्भवती महिला अपना दर्द बयां कर रही है। महिला का कहना है कि एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से उनके गांव में स्थित स्वास्थ्य केंद्र में जांच बंद है जिसकी वजह से वह जिला अस्पताल आयी। लेकिन जिला अस्पताल में भिड़ ज्यादा होने की वजह से उनका इलाज नहीं हो सका। मजबुरन उन्हें निजी अस्पताल में जाकर मोटे दाम देकर थायराइड, खून और यूरिन की जांच करवायी।
जिला अस्पताल कालीबाड़ी में इलाज करवाने आयी भाठागांव की सुमन ठाकुर (परिवर्तित नाम) अस्पताल में 2 घंटे तक इंतजार करती रही और जब इलाज नहीं हुआ तो हताश होकर घर लौट गई, सुमन से पुछने पर उन्होनें बताया की निजी अस्पताल में जांच करवाने के लिए उनके पास पैसा नहीं है, इसलिए वह कल वापस सुबह से आकर लाइन में लगेगी और अपनी पारी आने का इंतजार करेगी।
25 एनएचएम कर्मचारियों पर कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग ने उनकी सेवा समाप्त कर दी। जिसके बाद प्रदेश के 16 हजार एनएचएम कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया है। अपना प्रदर्शन जोर शोर से कर रहे हैं।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि एनएचएम कर्मचारियों की पांच मांगों पर सहमति बनी है। उसके बावजूद वह हड़ताल समाप्त कर काम पर नहीं लौट रहे है। वहीं एनएचएम कर्मचारियों का कहना है कि जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक उनका हड़ताल जारी रहेगा।