
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर (Raipur News)। रायपुर से लगे मंदिर हसौद स्थित रिम्स मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अनिल राहुले ने नागपुर में अपनी डॉ. पत्नी अर्चना राहुले की राड से पीट-पीटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद डॉक्टर रायपुर आ गया। जब वह वापस नागपुर गया तो पकड़ा गया। सोमवार को डॉक्टर और उसके भाई को नागपुर पुलिस ने जेल भेज दिया है।
पुलिस ठाणे हुटकेश्वर से मिली जानकारी के अनुसार मूलतः महाराष्ट्र खैरलांजी निवासी डॉ. अनिल राहुले (55) मंदिर हसौद स्थित रिम्स मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर है। वो वहीं क्वार्टर में रहता था। तीन साल पहले ही वो नागपुर में नौकरी छोड़कर रायपुर आया था।
2003 में अनिल की नागपुर में डॉ. अर्चना राहुले (52) से शादी हुई। डॉ. अर्चना राहुले मेडिकल अस्पताल में फिजियोथेरेपी विभाग में सहायक प्रोफेसर थीं। दोनों का एक बेटा है, जो तेलंगाना में मेडिकल की पढाई कर रहा है। कुछ साल से अनिल और अर्चना के बीच अक्सर लड़ाई होती थी।
अनिल को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था। आठ अप्रैल को डॉ. अनिल नागपुर जाने के लिए रायपुर से निकला था। उसने रास्ते में अपने छोटे भाई राजू राहुले को फोन कर नागपुर बुलाया। दोनों नौ अप्रैल को घर पहुंचे। रात में डॉ. अनिल का अर्चना से विवाद हुआ। उसके बाद दोनों भाइयों ने रॉड से डॉ. अर्चना राहुले पीट-पीटकर हत्या कर दी। शव को छोड़कर दोनों भाग गए।
हत्या के बाद डॉ. अनिल रायपुर आ गया और कॉलेज में पढ़ाने लगा। 12 अप्रैल को वापस नागपुर घर गया। घर पहुंचते ही वह घटना से अनजान बनने लगा और शव देखकर चीख पुकार मचाने लगा। आस-पास वाले इकट्ठा हो गए। पुलिस को इसकी सूचना दी गई।
डॉ. अर्चना की लाश पड़ी हुई थी, जो खराब हो गई थी। डॉ. अनिल लूट-डकैती का में शक जाहिर करने लगा। पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू की। 13 अप्रैल को डॉ. अर्चना के अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की। इसके बाद पुलिस को पति पर शक हुआ जिसके बाद गिरफ्तारी की गई।
नागपुर पुलिस की जोन-4 की डीसीपी रश्मिता राव ने मीडिया को बताया कि आरोपित को तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। वह लगातार अपने बयान बदल रहा था। पत्नी पर शक होने पर उसने घर में कैमरे लगवा कर रखे थे। दोनों के बीच वॉट्सएप चैट के अनुसार आरोपित किसी भी बाहरी व्यक्ति को घर में आने नहीं देता था। यहां तक कि रिश्तेदारों को भी आने के लिए मना करता था।