
जितेंद्र सिंह दहिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब राजस्व विभाग में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। रजिस्ट्री के बाद त्वरिज नामांतरण करने की प्रक्रिया की जाएगी। इसके लिए सुगम एप में ऐसी व्यवस्था की जा रही है।
बता दें कि प्रदेश भर में रोज तकरीबन 8 हजार संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है। इससे क्रेता द्वारा अपने नाम पर दर्ज कराने के लिए एक माह से 90 दिन तक इंतजार करना पड़ता है। इसके लिए तहसील और पटवारी कार्यालय में सुविधा शुल्क भी देना पड़ जाता है। इसे देखते हुए राजस्व विभाग अब तत्काल नामांतरण की सुविधा शुरू करने जा रहा है।
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एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में छत्तीसगढ़ सरकार ने उद्योगों में उपयोग होने वाले डीजल का वेट कम कर दिया है। इससे स्थानीय टैंकर आनर्स को राहत मिली है। सरकार के इस निर्णय पर आभार व्यक्त किया है।
टैंकर आनर्स एसोसिएशन के महासचिव हेमंत कुमार सोनी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया है। प्रदेश में उद्योगों को आपूर्ति किए जाने वाले डीजल में दूसरे प्रदेश के मुकाबले 23 प्रतिशत अधिक वेट लग रहा था, जिसकी वजह से उद्योगपतियों द्वारा उत्तर प्रदेश के मुगलसराय से डीजल मंगाया जा रहा था। इससे स्थानीय टैंकर व्यवसायियों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था।
छत्तीसगढ़ टैंकर आनर्स एसोसिएशन के महासचिव हेमंत कुमार सोनी ने बताया कि उद्योगों में उपयोगी डीजल छत्तीसगढ़ में 23 प्रतिशत वेट पर मिल रहा था। जबकि उत्तर प्रदेश में इसमें 17 प्रतिशत वेट लिया जाता है। तीनों प्रमुख पेट्रोलियम कंपनियों से प्रतिदिन लगभग सौ टेंकर डीजल उत्तर प्रदेश से छत्तीसगढ़ आ रहा था। इससे यहां के टैंकर व्यवसायियों के सामने पलायन करने की नौबत खड़ी हो गई थी।
छत्तीसगढ़ टैंकर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की ओर इस मामले में ज्ञापन देकर ध्यानाकर्षण कराया था। जिसके बाद राज्य सरकार ने निर्णय लेते हुए 1 जनवरी से प्रदेश में भी उद्योगों को आपूर्ति किए जाने वाले डीजल में वेट उत्तर प्रदेश की तरह 17 प्रतिशत कर दिया है।
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