Railway News: छह ट्रेनों में एक पावरकार हटेगी, यात्रियों के लिए अतिरिक्त सीटें होंगी उपलब्ध
Railway News: दुर्ग-निजामुद्दीन, दुर्ग-नौतनवा, दुर्ग-कानपुर आदि स्पेशल ट्रेनों में यह सुविधा शुरू की जा रही है।
By Azmat Ali
Edited By: Azmat Ali
Publish Date: Wed, 24 Mar 2021 10:29:27 AM (IST)
Updated Date: Wed, 24 Mar 2021 11:37:40 AM (IST)

रायपुर। Railway News: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की छह ट्रेनों में दो में से एक पावर कार को हटाकर एक सामान्य कोच लगाया जा रहा है। रेल अधिकारियों की मानें तो इस सुविधा से ट्रेन में यात्रियों के लिए अतिरिक्त सीट उपलब्ध होगी। दुर्ग-निजामुद्दीन-दुर्ग, एक्सप्रेस स्पेशल, दुर्ग-नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस स्पेशल, दुर्ग-कानपुर-दुर्ग, एक्सप्रेस स्पेशल में यह सुविधा शुरू की जा रही है। यह सुविधा इन ट्रेनों में 25, 26 और 28 मार्च से शुरू हो जाएगी।
एलएचबी आधारित ट्रेनों में हेड आन जनरेशन (एचओजी) प्रणाली रेल परिवहन के लिए एक नई पहल है। वर्तमान में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अधिकतर ट्रेनें अत्याधुनिक एचओजी प्रौद्योगिकी के साथ हरित यानी ग्रीन ट्रेन के रूप में परिचालित की जा रही है।
महंगे डीजल की होगी बचत
वर्तमान में कोविड-19 के कारण सभी ट्रेनें स्पेशल के रूप में चल रही हैं। नियमित ट्रेनों के शुरू होने से इस सुविधा का लाभ आठ ट्रेनों दुर्ग-निजामुद्दीन-दुर्ग, संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, दुर्ग-जम्मूतवी-दुर्ग एक्सप्रेस, दुर्ग-नौतनवा-दुर्ग, एक्सप्रेस और दुर्ग-कानपुर-दुर्ग, एक्सप्रेस में मिलेगी। अब इन कोचाें में बिजली की आपूर्ति के लिए जनरेटर कारों में महंगे डीजल ईंधन को जलाने के बजाय ओवर हेड उपकरण (ओएचई) के माध्यम से सीधे ग्रिड से बिजली लेकर कोच में बिजली के उपकरणों आदि के लिए बिजली की सप्लाई होगी।
क्या है एचओजी प्रणाली
इस प्रणाली में इंजन से सीधे इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पावर केबल का उपयोग करके प्रकाश और एयर कंडीशनिंग के लिए कोचों को विद्युत आपूर्ति करने की जाती है। एलएचबी आधारित ट्रेनों के कोचों के लिए विद्युत उत्पादन के सबसे आम तरीके को हेड ऑन जेनरेशन (ईओजी) कहा जाता है।