श्रद्धालुओं ने दीप प्रज्वलित कर नदी में भी प्रवाहित किया। इधर नौकाओं में प्रज्वलित दीपों के मनोरम दृश्य ने श्रद्धालुओं को मोहित कर दिया, उधर घाट की सीढ़ियों पर लगभग आधे किलोमीटर के दायरे में वाराणसी और छत्तीसगढ़ के 108 पंडितों ने महाआरती की।महाआरती के दौरान महादेवघाट में भक्तिभाव का नजारा दिखाई दिया।
श्रीराम-सीता, लक्ष्मण, भोलेनाथ की जीवंत झांकी
महाआरती के दौरान भगवान श्रीराम, सीता, लक्ष्मण, भोलेनाथ समेत अन्य देवी-देवताओं का रूप धारण करने वाले कलाकार आकर्षण का केंद्र रहे। श्रीराम-सीता, लक्ष्मण ने केंवट के साथ नौका पर सवार होकर नदी के बीच जाकर भक्तिभाव जगाया।
खारुन नदी को चुनरी अर्पित की
महाआरती के दौरान अनेक साड़ी, चुनरी को आपस में मिलाकर खारुन नदी को अर्पित किया गया।चुनरी अर्पित करने महिलाओं में विशेष उत्साह छाया रहा।
कैलाश खेर के भजनों में झूमे श्रद्धालु
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महाआरती के पश्चात रात्रि 8.30 बजे बालीवुड के प्रसिद्ध गायक कैलाश खेर मंच पर पहुंचे। मंच पर पहुंचते ही उन्होंने महादेव का जयकारा लगाया। श्रद्धालुओं ने तालियां बजाकर स्वागत किया। माता कौशल्या की धरती को प्रणाम करते हुए जैसे ही गायक ने ‘ मैं तेरा दीवाना......भजन गाया, श्रद्धालु झूम उठे। इसके बाद एक से बढ़कर एक भजनों से कैलाश खेर ने श्रद्धालुओं को भक्तिभाव में डुबो दिया। फिल्म बाहुबलि का ‘ क्या कभी अंबर से सूर्य बिछड़ता है...., हो गई मैं तेरी दीवानी, जय जयकारा जय जयकारा स्वामी देना साथ हमारा, यारा तेरी याद, तू जाने न, मैं तो तेरे प्यार में दीवाना हो गया, ढोल बजदा, पिया के रंग रंग देनी ओढ़नी, तौबा-तौबा रे तेरी सूरत, तेरे बिन नहीं लगता दिल मेरा डोलना' गीतों से ऐसा समां बांधा कि श्रद्धालु खारुन गंगा महाआरती के नजारे को वर्षों तक याद रखेंगे।युवक-युवतियां कैलाश खेर के साथ सेल्फी लेने उत्साहित नजर आए।गीतों के दौरान कैलाश खेर ने युवाओं को अपना लक्ष्य निर्धारित कर ईश्वर पर भरोसा रखते हुए कर्म करते हुए आगे बढ़ने प्रेरित किया।
महाआरती को एक साल पूरे
खारुन नदी में पर्यावरण प्रदूषण ना हो, इस उद्देश्य को लेकर एक साल पहले अगहन पूर्णिमा पर पहली बार 6 दिसंबर 2022 को महाआरती की गई थी। इसके पश्चात प्रत्येक महीने की पूर्णिमा तिथि पर महाआरती के आयोजन में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती गई। मंगलवार 26 दिसंबर को अगहन पूर्णिमा को एक साल पूरा होने पर हुई महाआरती में श्रद्धालुओं का ऐसा हुजूम उमड़ा कि घाट के आसपास एक किलोमीटर तक वाहनों की कतार लगी रही। घाट के किनारे हजारों श्रद्धालुओं के हाथों में भी दीप जगमगा रहे थे।
108 आरती का स्टेज बनाया
महादेवघाट के दोनों छोर पर 54-54 आरती का स्टेज बनाया गया। कुल 108 स्टेज में प्रत्येक में एक-एक पंडित ने आरती थामकर एक साथ आरती की। आयोजक वीरेंद्र सिंह तोमर के नेतृत्व में खारुन नदी की आरती संपन्न हुई। घाट परिसर में आकर्षक विद्युत साजसज्जा की गई। विशेष रूप से कोलकाता से कारीगर बुलाए गए थे।
वर्ल्ड रिकार्ड का प्रमाणपत्र सौंपा
खारुन गंगा महाआरती में एक साथ 108 स्टेज पर हजारों लोगों के आरती करने का रिकार्ड बनने पर गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने प्रमाणपत्र सौंपा।