रायपुर। Rajesh munat News साइंस कालेज के पास स्मार्ट सिटी द्वारा बनाए जा रहे नाइट चौपाटी मामले में राजनीति तेज हो गई है। नाइट चौपाटी के विरोध में पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत सहित अन्य समर्थक साइंस कालेज के धरना स्थल पर ही रात बिता रहे हैं। सिर्फ रात नहीं बल्कि यहीं खाना, रहना, नहाना शुरू कर दिया है। नाइट चौपाटी के विरोध में भाजपा ने दो दिन पहले अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया है। मूणत के समर्थन में अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने भी आंदोलन को समर्थन देने का एलान कर दिया है। गुरूवार को नाइट चौपाटी के विरोध में भाजपा पार्षदों ने स्मार्ट सिटी में ज्ञापन सौंपकर विरोध जताया। इस मामले पर अब कांग्रेस ने भी आरोपों की झड़ी कर दी है। कांग्रेस का कहना है कि नाइट चौपाटी का प्लान भाजपा की सरकार में तैयार की गई थी।
पूर्व पंचायत मंत्री व सांसद भी पहुंचे
नाइट चौपाटी के विरोध में चल रहे धरना-प्रदर्शन में गुरूवार को भाजपा के पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर व वर्तमान सांसद सुनील सोनी समर्थन देने पहुंचे। धरना-स्थल पर भाजपा के अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं।
भाजपा का यह तर्क
राष्ट्रीय राजमार्ग की 67 मीटर की भूमि का उपयोग कर चौपाटी का निर्माण किया जा रहा है। आवास एवं पर्यावरण अधिनियम 2002 के अलावा यह केंद्र सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी को दिए जा रहे पैसों का दुरुपयोग है।
महापौर ने लगाएं यह आरोप
निगम के महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि नाइट चौपाटी के निर्माण का प्रोजेक्ट भाजपा सरकार ने 2018 में बनाई गई थी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने आदेशित कर स्थल निरीक्षण करवाया था, लेकिन आज पूर्व मंत्री ही इसका विरोध कर रहे हैं। यह समझ से परे हैं। भाजपा सरकार में स्काईवाक जैसे कई ऐसे निर्माण हैं, जिसका वर्तमान में उपयोग नहीं हो पा रहा है। नाइट चौपाटी का कार्य शुरू हो चुका है। इस पर रोक नहीं लगाया जाएगा। मुद्दा विहीन भाजपा अपने ही कार्ययोजना को रूकवाने जैसे काम कर रहे हैं। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए मैंने पूर्व मंत्री को 27 दिसंबर को मिलने के लिए कहा था, लेकिन वे नहीं मिले।
पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री ने दिया यह जवाब
पूर्व पीडब्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि महापौर का यह बेबुनियाद आरोप है। नाइट चौपाटी को लेकर यदि मैंने स्थल निरीक्षण या कार्ययोजना को लेकर कोई आदेश दिया हो तो आदेश की कापी सामने रखें। यूथ हब के नाम पर कांग्रेस सरकार नाइट चौपाटी के माध्यम से इसका व्यवसायीकरण कर रही है। खेल के मैदान को छोटा कर दिया गया। कालेज का स्वरूप बदला गया। मास्टर प्लान का उल्लंघन भी हुआ। रही बात नाइट चौपाटी पर चर्चा के लिए तो 20 दिसंबर को पत्र लिखने के बाद महापौर का जबाव अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने के बाद आया, जबकि इसका अल्टीमेटम मैं पहले ही दे चुका था।