राग बागेश्री में सात बंदिशों को प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ण किया
रायपुर। कमलादेवी संगीत महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव 2018 में संगीत के छात्र-छात्राओं ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। गुरु दीपक बेड़ेकर के निर्देशन चतुर्थ बीए चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने राग बागेश्री में सात विभिन्न प्रकार की बंदिशों का शास्त्रीय गायन किया जो अपने आप में अनूठी प्रस्तुति रही।
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Publish Date: Mon, 29 Jan 2018 11:05:34 PM (IST)
Updated Date: Mon, 29 Jan 2018 11:05:34 PM (IST)

रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
कमलादेवी संगीत महाविद्यालय में वार्षिकोत्सव 2018 में संगीत के छात्र-छात्राओं ने ऐसा समां बांधा कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए।
गुरु दीपक बेड़ेकर के निर्देशन चतुर्थ बीए चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने राग बागेश्री में सात विभिन्न प्रकार की बंदिशों का शास्त्रीय गायन किया जो अपने आप में अनूठी प्रस्तुति रही। राग बागेश्री में अनिबद्घ आलाप, गायन हिमानी तालुकदार ने प्रस्तुत किया। ग्वालियर घराने की रचना 'एरी ए मै कैसे घर आऊं' को मिनाक्षी अवधिया ने पेश किया। राग बागेश्री में दूसरी रचना त्रिताल में 'बलमा मोरी तोरे संग को' मित्तु इस्सर ने गाया। 'ऐ गुथलाओरी मालनिया को' चम्पा दास अधिकारी ने गाया। आगरा घराने की प्रसिद्घ रचना 'साजन मानो मोरी बात को' अंकिता देशमुख ने 'तोरे बिन मोहे चैन न आवे' को कमल किशोर साहू ने त्रिताल में पेश किया। जयपुर अतरौली घराने की रचना 'पिहरवा गरवा लागे को' आभाष मधुकर ने 'मेरो मग रोकत कान्ह गिरधारी को' नेहा साहू ने गाया। कार्यक्रम में प्राचार्य श्रीराम मूर्ति समेत अनेक संगीत गुरु मौजूद थे।
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29 जनवरी, श्रवण शर्मा, 09
समय - 10.25 बजे
कादिर 10ः53 बजे