रायपुर। करीब आठ साल पहले ट्रेन के एसी कोच में सफर के दौरान सूटकेस चोरी होने के मामले में रेलवे प्रशासन के साथ जीआरपी और आरपीएफ ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस मामले में पीड़ित यात्री के परिवाद पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। आयोग के अध्यक्ष गौतम चौरड़िया और सदस्यों ने आरक्षित एसी कोच में यात्रा के दौरान चोरी हुए सूटकेस की सुरक्षा के प्रति रेलवे अमले की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए डीआरएम को चोरी गए सूटकेस में रखे सात लाख 18 हजार 491 रुपये छह प्रतिशत ब्याज के साथ ही पांच हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति और दो हजार रुपये वाद खर्च देने का फैसला सुनाया।
राज्य उपभोक्ता आयोग से मिली जानकारी अनुसार मामला 22 जून, 2014 का है। पीड़ित यात्री सुपर फास्ट ट्रेन से जयपुर से रायपुर एसी कोच में रिजर्वेशन कराकर यात्रा कर रहे थे। उन्होंने अपने सूटकेस को चेन से बर्थ के नीचे लगे हुक में बांधकर ताला लगा रखा था। रात के समय यात्री की आंख लग गई। इस बीच कोच में अनाधिकृत लोगों का आना-जाना लगा रहा और दरवाजे के पास भीड़ थी। कुछ देर बाद यात्री उठकर वाशरूम गए, तभी दो बार चैन पुलिंग हुई। वे वापस बर्थ पर पहुंचे तो देखा कि जिस चेन से सूटकेस को ताला लगाया गया था, वह चेन कटी हुई थी और सूटकेस गायब था। यात्री ने इस घटना की जानकारी तत्काल टीटीई को दी। टीटीई की सलाह पर पीड़ित यात्री ने कोटा जीआरपी थाने में लिखित शिकायत कर नागदा चौकी में एफआइआर भी लिखवाई। इसकी प्रति जीआरपी रायपुर को भी दी, किंतु रेलवे प्रशासन ने यात्री को कोई राहत नहीं दी। परेशान होकर यात्री ने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में परिवाद पेश किया।
रेलवे ने घटना को बताया था काल्पनिक
आयोग के समक्ष रेलवे प्रशासन की ओर से सूटकेस चोरी की घटना को काल्पनिक बताते हुए अपने बचाव में यह कहा कि रेलवे के नियमों के अनुसार यात्री अपने साथ व्यक्तिगत छोटे सामान एक निर्धारित आकार में रख सकते हैं। चूंकि यात्री ने नियमों के विपरीत सामान रखा था, इसलिए रेलवे चोरी गए सामान के लिए जिम्मेदार नहीं है। जिला आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए रेलवे की सेवा में कमी का दोषी पाते हुए परिवाद स्वीकार कर अनुतोष देने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील पेश की गई थी। राज्य आयोग ने मामले की सुनवाई करते हुए जिला आयोग के फैसले को यथावत रखते हुए आरक्षित एसी कोच में टीटीई, अटेडैंट की लापरवाही से चलती ट्रेन में कुछ अनाधिकृत व्यक्तियों ने प्रवेश कर सूटकेस चोरी करने की घटना को गंंभीर माना।