रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। शहर के लाभांडी, अमलीडीह, हीरापुर, काठाडीह, कचना, बाराडेरा, जोरा, फुंडहर, बोरियाखुर्द, खम्हारडीह समेत अन्य स्थानों पर गरीबों के लिए मकान-फ्लैट बनाए गए हैं। इनके आवंटन की प्रक्रिया ठप होने का फायदा ठग उठा रहे हैं।
गरीब, मध्यम वर्ग को आशियाना दिलाने का झांसा देकर लाखों की ठगी के मामले में पुलिस की गिरफ्त में आए श्याम चेलक ने खुद को नगर निगम का कर्मचारी बताकर 20 लोगों से पैसे ठगे थे। इससे पहले भी प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर ठगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। लगातार आ रहे ठगी के मामलों से नगर निगम प्रशासन परेशान है।
शहर गरीबों के लिए बनाए गए मकानों का आवंटन लंबे समय से नगर निगम के जोन स्तर पर रुका हुआ है। दरअसल, कोरोना संकट काल में निगम प्रशासन ने आवंटन प्रक्रिया स्थगित करने का फैसला लिया था। लोग आवेदन दे चुके थे। लाकडाउन खत्म होने के बाद ठग सक्रिय हुए। लोगों को जल्दी मकान दिलाने के बहाने झांसे में लेना शुरू किया। वार्ड पार्षद, जोन अधिकारियों से अपनी नजदीकी बताकर 50 हजार से एक लाख रुपये तक मकान आवंटन करवाने के नाम पर लोगों से ले रहे हैं।
महिला हितग्राही अधिक
फ्लैट की कीमत तीन से चार लाख रुपये तक होने के कारण हितग्राहियों की संंख्या बढ़ी है। महिला के नाम पर मकान लेने पर एक से डेढ़ लाख रुपये की छूट दी जा रही है, इसकी वजह से महिला हितग्राहियों की संख्या अधिक है।
फरवरी में 98 परिवारों से ठगे गए थे पैसे
इसी साल फरवरी में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर कई परिवारों के साथ बड़ा घोटाला सामने आया था। ठगों ने नगर निगम की फर्जी सील, रसीद बनाकर गरीबों के मकान को बेचने का झांसा देकर 98 परिवारों से पैसे ठगे थे। मामले का पर्दाफाश हाई कोर्ट में याचिका लगने के बाद हुआ था। नगर निगम ने इसकी जांच की तो निगम की सील, साइन और रसीद के फर्जी दस्तावेज मिले।
इसके बाद निगम की तरफ से सिटी कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई गई। दो-तीन आरोपित पकड़े गए, लेकिन मुख्य आरोपित समेत दो अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। मई में खुद को निगम का अधिकारी बताकर लाभांडी हाउसिंग बोर्ड में हर घर के लिए पैसे दिलाने के बहाने ठगी करने के मामले में दो आरोपित राहुल चंद्राकर, विजय कुमार वोरा को तेलीबांधा पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था।