अभिषेक राय, (रायपुर। नईदुनिया)। राजधानी में छोटे बच्चों के लिए अलग से अस्पताल की व्यवस्था करने के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग लोगों को आंखों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी में जुट गया है। आंखों के मरीजों के लिए माना सिविल अस्पताल में 150 बेड का सेटअप तैयार किया गया है। यहां पर मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, रेटिना समेत आंखों की अन्य सभी सर्जरी होगी।
पंडरी जिला अस्पताल में उपलब्ध आंखों की जांच की मश्ाीनों तथा अन्य संसाधनों को जल्द ही माना सिविल अस्पताल में स्थानांतरित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पंडरी जिला अस्पताल में नेत्र रोग विभाग की ओपीडी संचालित होती है। माना में दो आपरेशन थियेटर तैयार किए जाएंगे। फिलहाल एक बनकर तैयार हो गया है। कल्चर जांच के लिए भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट एक-दो दिनों के भीतर आने की उम्मीद है। पंडरी में ओपीडी सुचारु रूप से संचालित रहेगी, लेकिन सर्जरी माना सिविल अस्पताल में होगी। गौरतलब है कि प्रदेश में अब तक आंखों की जांच व सर्जरी के लिए विशेषकृत एक भी अस्पताल नहीं है। माना में संचालित होने के बाद लोगों को राहत मिलेगी।
चार डाक्टर संभालेंगे जिम्मेदारी
माना सिविल अस्पताल में आंखों के चार डाक्टरों को पदस्थ किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक उच्च अधिकारी ने बताया कि माना में मोतियाबिंद के मरीजों को भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। सोमवार से आपरेशन श्ाुरू हो जाएंगे। मोतियाबिंद से सर्जरी की शुरुआत होगी। धीरे-धीरे ग्लूकोमा, रेटिना व आंखों की अन्य सभी सर्जरी प्रारंभ की जाएंगी। मरीजों के लिए 150 बेड का सेटअप है, लेकिन फिलहाल 20-20 बेड के दो वार्ड पूरी तरह से तैयार किए गए हैं, जहां मरीजों को भर्ती किया गया है। एक माह में 150 से ज्यादा सर्जरी का लक्ष्य है।
निजी अस्पतालों में आपरेशन बंद
राज्य शासन ने निजी अस्पतालों में डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत नेत्र संबंधित सभी आपरेशन बंद कर दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग की मंशा है कि शासकीय अस्पतालों में मोतियाबिंद के ज्यादा से ज्यादा आपरेशन हों और लोग योजनाओं का लाभ लें।
माना में 150 बेड
माना सिविल अस्पताल में नेत्र से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए 150 बेड का सेटअप है। नेत्र से संबंधित सभी तरह की बीमारियों की सर्जरी होगी। फिलहाल सोमवार से मोतियाबिंद की सर्जरी शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है।
डा. निधि ग्वाले, जिला नोडल अधिकारी, अंधत्व निवारण कार्यक्रम, रायपुर
पूरी की जा रही प्रक्रिया
माना सिविल अस्पताल में आंखों की सर्जरी की सुविधा प्रारंभ करने की तैयारी है। इसके लिए कुछ प्रक्रिया पूरी की जा रही है। शुरुआत मोतियाबिंद की सर्जरी से की जाएगी। धीरे-धीरे विस्तार किया जाएगा। पंडरी जिला अस्पताल में ओपीडी संचालित रहेगी।
डा. मीरा बघेल, सीएमएचओ
वर्ष-2025 तक मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष-2025 तक मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसके तहत चार लाख लोगों को चिह्नित किया गया है। कई जिलों में मोतियाबिंद के आपरेशन की शुरुआत भी हो चुकी है। एक-एक ब्लाक के साथ पूरे जिले को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त करने का लक्ष्य है। इसके तहत उन लोगों की सूची तैयार कर ली गई है, जिनकी दोनों आंखों में मोतियाबिंद है। रायपुर जिले में आरंग ब्लाक को चिह्नित किया गया है। तिल्दा, अभनपुर और धरसींवा के साथ रायपुर शहर में मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान के लिए सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है।