रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। कई एक्सप्रेस ट्रेनें पैसेंजर बनकर चल रही हैं। रायपुर से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेनें घंटों लेट आ रही हैं। इसके कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ट्रेनें लेट होने के कारण यात्रियों को तीन से 15 घंटे तक रेलवे स्टेशन में गुजारना पड़ रहा है। ट्रेनों का इंतजार करते थक चुके यात्री अव्यवस्था के लिए रेलवे को कोस रहे हैं। रेलवे से उनका भरोसा उठ गया है, ट्रेनों में सफर करने से भी अब हिचक रहे हैं।
ज्यादातर यात्री ट्रेनों के परिचालन को रद कर दिया गया है। जो ट्रेनें चल रही हैं, वे लेट-लतीफी का शिकार हो गई हैं। रायपुर रेल मंडल से गुजरने वाली करीब 125 ट्रेनों में 20 से अधिक एक्सप्रेस ट्रेनें पिछले कुछ महीने से लगातार निर्धारित समय से दो से पांच घंटे तक विलंब से पहुंच रही हैं। इससे यात्रियों का सफर कष्टदायक हो गया है। पिछले कुछ महीने से एक्सप्रेस ट्रेनें पैसेंजर की तरह चल रही हैं।
दुर्ग से राजेंद्रनगर जाने वाली साउथ बिहार एक्सप्रेस निर्धारित समय से करीब डेढ़ घंटे देरी से पहुंची। ऋषिकेश से पुरी जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस शाम करीब पांच बजे पहुंची। लंबी दूरी के यात्रियों के पास दूसरा विकल्प नहीं होने के कारण वे मजबूरी में यात्रा करने को विवश हैं।
क्या कहते हैं यात्री
बिलासपुर से टिटलागढ़ जा रहे विक्की राजपाल ने बताया कि बिलासपुर से पैसेंजर अपने निर्धारित समय से रवाना हुई। एक स्टेशन पार करने के बाद कभी स्टेशन में तो कभी स्टेशन के बाहर काफी देर तक खड़ी हो जा रही थी, जिसके कारण रायगढ़ पहुुंचने में दोपहर हो गई। अगर यही रफ्तार रही तो टिटलागढ़ पहुंचने में देर रात हो जाएगी। वहीं साउथ बिहार से पटना जा रहे मनोज सिंह का कहना था कि साउथ बिहार एक्सप्रेस कभी भी अपने निर्धारित समय से राजेंद्रनगर नहीं पहुंच पा रही है। उत्कल एक्सप्रेस का भी यही हाल है। उत्कल में ज्यादातर व्यापारी वर्ग के लोग सामान लेने के लिए दिल्ली जाते हैं। समय से ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से यात्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
हो रहा नुकसान
गोंदिया-बरौनी एक्सप्रेस में सफर कर रहे कारोबारी अजय सिंह ने बताया कि वह सुबह ट्रेन में सवार हुए। जिस काम के लिए वह गोंंदिया जा रहे थे, ट्रेन लेट होने के कारण वह काम नहीं हो पाया। इससे उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसी तरह अलग-अलग एक्सप्रेस ट्रेनों के स्टेशन आने का इंतजार कर रहे अनुज कुमार राय, अनिल दास, विक्रम पोद्दार, निर्मल कर्मकार समेत सैकड़ों यात्री परेशान दिखे। समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंचने की चिंता यात्रियों को सताती रही। ट्रेनों के देरी से चलने के बारे में पूछने पर रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अलग-अलग मंडलों में पिछले कुछ महीने से नान इंटरलाकिंग समेत अनेक काम होने के कारण ट्रेनें लेट हो रही हैं।
ये ट्रेनें पहुंचीं लेट
रायपुर आने वाली 20 से अधिक ट्रेनेें लेट आर्ईं। बिलासपुर इतवारी इंटरसिटी एक्सप्रेस- चार घंटे से अधिक, टाटा इतवारी एक्सप्रेस- पांच घंटा 27 मिनट, गोंदिया बरौनी एक्सप्रेस- तीन घंटा 31 मिनट, बीआइआरडी एसजीटीवाई स्पेशल- पांच घंटा 14 मिनट, दुर्ग-भोपाल एक्सप्रेस- एक घंटा 15 मिनट, एसआरसी पीबीआर- नौ घंटा 10 मिनट, बीएसपी बीजीकेटी एक्सप्रेस- 22 मिनट, एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस- दो घंटा 21 मिनट, एलटीटी एसएचएम एक्सप्रेस- एक घंटा 22 मिनट, बरौनी-गोदिंया एक्सप्रेस- सात घंटा 10 मिनट, टीईएन बीएसपी एक्सप्रेस-एक घंटा 13 मिनट, भुवनेश्वर लोकमान्य तिलक वीकली- दो घंटा 50 मिनट, आरजेपीबी दुर्ग साउथ बिहार- करीब दो घंटे,इतवारी बिलासपुर एक्सप्रेस- 16 घंटा 43 मिनट, बरौनी गोंदिया एक्सप्रेस- सात घंटा 10 मिनट लेट रही।
रायपुर, नागपुर, जबलपुर व अन्य रेल मंडल में नान इंटरलाकिंग समेत अनेक काम होने के कारण ट्रेनें लेट से चल रही हैं। आने वाले दिनों में व्यवस्था में सुधार होने की उम्मीद है।
-शिव प्रसाद, वरिष्ठ प्रचार निरीक्षक, रायपुर रेल मंडल