नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: धरसींवा थाना क्षेत्र स्थित गोदावरी पावर एंड इस्पात लिमिटेड में हुए भीषण हादसे में प्रबंधन के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया गया है। शुक्रवार को प्लांट के पेलेट यूनिट में मशीन का भारी लोहे का ढांचा गिरने से मैनेजर सहित छह लोगाें की मौत हो गई थी।
इस घटना में 12 से अधिक लोग मलबे में दब गए थे। पुलिस ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने पर लापरवाही की धाराओं के तहत प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है। सुबह सभी मृतकों को पोस्टमार्टम कर शव को स्वजनों को सौंप दिया गया।
हादसे को लेकर कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके मुताबिक प्लांट को महज दो दिन पहले ही शटडाउन किया गया था। सामान्य स्थिति में शटडाउन के बाद कम से कम सात दिन तक ठंडा होने के बाद ही मशीनों से मटेरियल हटाया जाता है। लेकिन उत्पादन की जल्दबाजी में अधिकारियों ने सिर्फ दो दिन में ही जांच और सफाई शुरू करा दी। इसी दौरान हाफर गिरा और मजदूरों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला।
श्रम और औद्योगिक स्वास्थ्य सुरक्षा विभाग की टीम शनिवार को घटनास्थल पहुंची। टीम ने हादसे की परिस्थितियों का जायजा लिया और सुरक्षा उपायों से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की। विभाग ने कहा है कि विस्तृत जांच रिपोर्ट जल्द ही तैयार कर आगे की कार्रवाई तय होगी।
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कंपनी प्रबंधन की ओर से इमेंद्र दान ने कहा कि घायलों का इलाज और मृतकों के परिजनों को सहायता प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि कंपनी स्वतंत्र जांच कराएगी और सुरक्षा मानकों के पालन की पूरी समीक्षा की जाएगी। दान ने यह भी बताया कि हादसा प्लांट के उस हिस्से में हुआ जो विस्तार कार्य के अंतर्गत तैयार किया जा रहा था। सभी मजदूरों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए गए थे। इधर उनके बयान के इतर प्रारंभिक जांच में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और संरचनात्मक कमजोरी पर सवाल उठे हैं।