
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। सूदखोर और हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर की गिरफ्तारी के बाद राजधानी में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। क्षत्रिय करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राज शेखावत ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर रायपुर पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
उन्होंने अपने लाइव प्रसारण में न सिर्फ पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए, बल्कि सीधे धमकी भरे शब्दों में कहा कि “हम उन पुलिस वालों के घर में घुसकर जवाब देंगे जो तोमर के घर घुसे थे।”
शेखावत का बयान “सरकार को चेतावनी, रायपुर कूच करेंगे हजारों क्षत्रिय” करीब एक घंटे तक चले लाइव प्रसारण में डॉ. राज शेखावत ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कुछ पुलिस अधिकारियों ने गलत किया है। उन्होंने सवाल उठाया कि “तोमर कोई आतंकवादी था क्या, जिसका जुलूस निकाला गया?”
शेखावत ने कहा कि अगर यह पुलिसिया दादागिरी नहीं रुकी, तो “क्षत्रिय समाज के लाखों लोग बहुत जल्द रायपुर कूच करेंगे।” उन्होंने कहा कि यह आंदोलन अब सिर्फ वीरेंद्र तोमर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पुलिस प्रशासन की मनमानी के खिलाफ बड़ा संघर्ष होगा।
शेखावत ने लाइव में रायपुर पुलिस के टीआई योगेश कश्यप पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 'टीआई योगेश कश्यप ने महिलाओं के साथ मारपीट की। उसे शर्म आनी चाहिए। क्या संविधान में ऐसा करने का अधिकार है?'
शेखावत ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने अपनी सीमा लांघी है और अब “हम भी उसके घर में घुसकर महसूस कराएंगे कि घर-परिवार को तंग करने से क्या होता है।”
डॉ. शेखावत ने रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह को भी चेतावनी देते हुए कहा कि “यह सरकार चली जाएगी, लेकिन आप कहाँ जाएंगे, इस पर विचार करें।” उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन और अधिक आक्रामक होगा।
शेखावत ने लाइव में क्षत्रिय समाज से आह्वान किया कि सभी लोग “मजबूत डंडा और केसरिया झंडा लेकर रायपुर पहुंचे।” उन्होंने कहा कि आने वाला आंदोलन छत्तीसगढ़ में करणी सेना के लिए निर्णायक होगा।
इससे पहले राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर के घर में पुलिस ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया था। उस समय भी करणी सेना ने पुलिस पर कार्रवाई की मांग की थी।
डॉ. राज शेखावत के इस लाइव वीडियो के बाद पुलिस विभाग सतर्क हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, रायपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर दिए गए धमकी भरे बयानों की जांच शुरू कर दी है।
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की सार्वजनिक धमकी और भड़काऊ भाषण आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत अपराध की श्रेणी में आते हैं।
वीरेंद्र तोमर की गिरफ्तारी के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति और सामाजिक वातावरण में नई गर्माहट आ गई है। करणी सेना के इस बयान ने पुलिस प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि शासन और पुलिस इस खुले विरोध और धमकी के बीच कानूनी कार्रवाई का क्या रुख अपनाते हैं।