वाकेश कुमार साहू (नईदुनिया प्रतिनिधि)। CGPSC 2019 Topper: पढ़ाई का मतलब यह नहीं है कि दिनभर पढ़ें, मतलब यह है कि जो भी पढ़ें ईमानदारी से ही पढ़ें। बचपन में कक्षा चौथी से ही लिखने-पढ़ने में मजा आता था। यह कहना है कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजी पीएससी) के राज्य सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2019 के टॉपर नीर निधि नंदेहा का। नीर निधि रायपुर के महावीर नगर के रहने वाले हैं। उनकी मां चंपा नंदेहा ने बताया जब उनका बेटा कक्षा चौथी में था, तो उसकी कॉपी में कोई रेड लाइन नहीं होती थी।
तभी लोगों ने कहा कि आपका बेटा होशियार है अफसर बनेगा। आखिर उनके बेटे नीर निधि नंदेहा ने सीजीपीएससी में टाप कर दिया। उन्होंने 988 अंक के साथ प्रदेश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में बाजी मारी है। नीर के पिता डा. केएल नंदेहा इंदिरा गांधी कृषि विवि के एग्रीनामी विभाग में विभागाध्यक्ष हैं।
पेश है पीएससी टापर नीर निधि नंदेहा से खास बातचीत
सवाल: आपने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कहां से की?
जवाब: मैंने प्राइमरी की पढ़ाई दीप्ति कान्वेंट स्कूल जगदलपुर से की। मेरे पिताजी (डा. के.एल. नंदेहा) जोनल एग्रीकल्चरल रिसर्च स्टेशन में बतौर कृषि वैज्ञानिक के रूप में पदस्थ रहे हैं। इसके बाद पिता जी का ट्रांसफर बिलासपुर हो गया और उनके साथ मुझे 10वीं-12वीं की पढ़ाई करने का मौका डीएवी स्कूल में मिला। मां चंपा नंदेहा हाउस वाइफ हैं, उन्होंने हमेशा पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित किया।
सवाल: पढ़ाई के साथ-साथ आपको क्या पसंद है , यह आपका कौन सा प्रयास था?
जवाब: पढ़ाई के साथ-साथ वॉलीबॉल खेल मुझे पसंद है। गीत सुनना मुझे बहुत पसंद है। डेविड गिलमोहर के सांग बहुत सुनता रहा हूं। स्कूली जिंदगी से ही दूसरे बच्चों के साथ दौड़ना, खेलना और बच्चों के साथ मस्ती करने में मजा आता था। यह मेरा दूसरा प्रयास था।
सवाल: 10वीं- 12वीं में आपका परीक्षा परिणाम कैसा था?
जवाब: मैंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कक्षा 10वीं डीएवी स्कूल बिलासपुर से की और 96 फीसद अंक से पास की। इसके बाद 12वीं भी यहीं से पास किए और गणित से 93 प्रतिशत अंक हासिल किया।
सवाल: ग्रेजुएशन किस विषय से किया और पीएससी की तैयारी के लिए कब ख्याल आया?
जवाब: 12वीं के बाद जेईई मेंस की तैयारी की। इसके बाद एनआईटी रायपुर में दाखिला लिया। यहीं से सिविल इंजीनियरिंग की। डिग्री के बाद कैंपस प्लेसमेंट से मुझे एक कंपनी में नौकरी मिली। एक महीने गुजरात में नौकरी की और पिता से कहा कि मैं पीएससी की तैयारी करूंगा। पिता से अनुमति ली और नौकरी छोड़कर 2017 से सीजीपीएससी की तैयारी की और मेहनत रंग लाई है। 2018 में पीएससी की परीक्षा दी। इसमें प्री निकल गया। इसके बाद हार नहीं मानी।
सवाल: पीएससी की तैयारी के लिए क्या कभी कोई कोचिंग की है?
जवाब: कोचिंग क्लास मात्र दो माह तक की। इसके बाद नालंदा परिसर में सेल्फ स्टडी ही की।
सवाल: पीएससी की तैयारी कैसे की और कितने घंटे पढ़ाई की?
जवाब: सुबह आठ से नौ बजे नालंदा परिसर निकल जाता था। इसके बाद रात में 12 से रात एक बजे तक निकलकर आता था। मां-बाप काे डर के मारे नींद नहीं आती थी। रोज बोलते थे, बेटा जल्दी आ जाया करो। मां कहती थीं बेटा इतनी रात मत आया करो। जल्दी आ जाया करो।
सवाल: आप अपने भाई-बहनों के बारे में बताइए?
जवाब: बड़ी बहन निरझरिणी ने एग्रीकल्चर से पीएचडी की है। भोपाल में भारत सरकार के कार्यालय में कार्यरत हैं। वहीं मेरा छोटा भाई शास्वत नंदेहा है। उन्होंने नीट की परीक्षा दी है, जिसका परिणाम आने वाला है।
सवाल: आपकी सफलता का राज क्या है ?
जवाब: नियमित पढ़ना है। मुख्य परीक्षा की पहले से ही तैयारी करना। मैं उतना मेधावी नहीं हूं।