रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
रायपुर जिला न्यायालय एवं जिले के अन्य सिविल न्यायालयों में 9 दिसम्बर को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। लोक अदालत में विभिन्न सिविल मामले और राजीनामा योग्य आपराधिक मामलों को अंतिम रूप से निराकृत करने के उद्देश्य से सुनवाई के लिए रखा जाएगा। न्यायालयों द्वारा अपने-अपने स्तर पर मामले के पक्षकारों की पूर्व बैठक बुलाई जा रही है, ताकि उनके बीच राजीनामा की संभावना बन सके। मोटर दुर्घ्टना दावा प्रकरणों के संबंध में बीमा कंपनी और पक्षकारों के बीच बैठक कर मामले में समझौता कराने का प्रयास किया जा रहा है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीलम चंद सांखला ने बताया कि रायपुर जिला न्यायालय में लगभग पचास हजार मामले लंबित हैं। इनमें लगभग आधे मामले राजीनामा योग्य हैं। पक्षकार राजी हो जाएं तो न्यायालय में लंबित प्रकरणों की संख्या में कमी आएगी। राजीनामा योग्य आपराधिक मामले, सिविल मामले, चेक बाउन्स के मामले, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, विद्युत चोरी, एवं अन्य विषयों से संबंधित न्यायालय में लंबित मामले एवं प्री लिटिगेशन मामले सुनवाई हेतु रखे जा सकते हैं।
इन आपराधिक मामलों में हो सकता है राजीनामा
दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 320 में यह बताया गया है कि भारतीय दंड संहिता में दिए गए विभिन्न अपराध राजीनामा योग्य होते हैं। यदि किसी व्यक्ति का मामला भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं से संबंधित हैं, तो ऐसे मामले विधि अनुसार राजीनामा करके निपटाया जा सकता है। इनमें धारा 147, 148, 294, 298, 312, 323, 325, 334, 335, 337, 338, 341, 342, 343, 344, 346, 352, 355, 357, 358, 379, 381, 403, 406, 407, 408, 411, 414, 417, 418, 419, 420, 421, 422, 423, 424, 426, 427, 428, 429, 430, 447, 448, 451, 482, 483, 486, 491, 494, 497, 498, 500, 501, 502, 504, 506, 508, 509 धारा 125 के अंतर्गत भरण पोषण का मामला, परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस का मामला भी राजीनामा योग्य है। इन मामलों को भी लोक अदालत में राजीनामा के माध्यम से निपटाया जा सकता है।
10 अक्टूबर, श्रवण शर्मा, 02- संतोष
समय - 6.55 बजे