रायपुर (राज्य ब्यूरो)। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत बने गौठानों में संचालित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) से ग्रामीण महिलाओं की तकदीर बदल रही है। ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के सकारात्मक और बेहतर परिणाम सामने आने लगे हैं। महिलाएं अब खुद हुनरमंद होकर छोटे-छोटे रोजगार के जरिए स्वावलंबी बनने की ओर अग्रसर होने लगी हैं। महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लाक अंतर्गत ग्राम एमके बाहरा में ऐसी ही एक जय मां लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह नमकीन सलोनी (मठरी) बनाकर अपनी स्वावलंबन की राह पर अग्रसर हो रही हैं।
समूह की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के द्वारा एक माह का प्रशिक्षण भी दिया गया। मां लक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह में दस महिलाएं हैं, जो विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट नमकीन बनाने में जुटी हुई हैं। यहां के गौठान में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के तहत स्थापित नमकीन बनाने की मशीन और पैकेजिंग मशीन से समूह की तकदीर बदल रही है। महिलाओं की आय भी बढ़ रही है।
बाजारों और दुकानों में सप्लाई
महिला समूह द्वारा तैयार की हुई नमकीन, सलोनी (मठरी) का आसपास के स्थानीय बाज़ारों के साथ जिले के अन्य दुकानों, घरों में भी चाय की चुस्की के साथ स्वाद लेते देखा जा सकेगा। साथ ही स्थानीय बाज़ार में मांग के अनुरूप स्व-सहायता समूह की महिलाएं विभिन्न प्रकार के नमकीन, सलोनी (मठरी) बनाने में जुटी हैं। समूह की महिलाओं ने बताया कि इन खाद्य सामग्री के नाम का पंजीयन कराकर इसे बाज़ार में उतारा जाएगा, वर्तमान में सैंपल के तौर पर बनाना शुरू किया है।
सी-मार्ट में भेजेंगे उत्पाद
समूह की अध्यक्ष योगेश्वरी साहू और सचिव तुमेश्वरी साहू ने बताया कि पहले वे सभी खेती-बाड़ी का काम करती थीं, जिससे उन्हें कम आमदनी होती थी। कम आमदनी के कारण परिवार का भरण पोषण करने में परेशानी होती थी। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना अंतर्गत गौठान बनाएं जाने से गांव की महिलाओं को काम मिलने लगा है। समूह की महिलाएं वर्मी खाद बनाकर अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रही हैं। हाल ही में डेढ़ क्विंटल से अधिक नमकीन (सलोनी) बनाकर उसकी पैकेजिंग की जा चुकी है। इसके अलावा घर-घर जाकर भी अपने उत्पाद के संबंध में जानकारी दे रही हैं। आगे इन सभी खाद्य सामग्रियों को सी-मार्ट के ज़रिए भी विक्रय किया जाएगा।