रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Sawan 2021: सावन के पहले सोमवार को ऐतिहासिक हटकेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालु सीधे शिवलिंग पर जलाभिषेक नहीं कर सके। कोरोना महामारी के चलते इस बार गर्भगृह के बाहर बड़े पात्र में जल डालने की व्यवस्था की गई थी। यह जल पाइप से होते हुए शिवलिंग प अर्पित होता रहा। 10 फीट दूर से ही भक्तों ने दर्शन किया। इस कारण मंदिर परिसर के बाहर बने अनेक शिवलिंग पर श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक करने की परंपरा निभाई। इससे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में पंडितों ने मंत्रोच्चार से शिवलिंग का रुद्राभिषेक किया। शाम को सबसे प्राचीन शिवलिंग का राजस्थान के खाटू श्याम प्रभु के रूप में मनमोहक श्रृंगार किया गया।
मंदिर के पुजारी पं.सुरेश गिरी गोस्वामी ने बताया कि प्रशासन के नियमों के अनुरूप मंदिर में व्यवस्था की गई। एक बार में ज्यादा श्रद्धालुओं को भीतर नहीं जाने दिया गया। हर साल भक्त गर्भगृह तक जाकर जलाभिषेक करते हैं, लेकिन इस साल द्वार के बाहर ही जल अर्पण करने दिया गया।
वैक्सीन लगाने वाले ही कर पाएंगे रुद्राभिषेक
सावन महीने में शिवजी का रुद्राभिषेक करने की मान्यता है। इस बार जो भी भक्त रुद्राभिषेक करवाएंगे, उनके लिए कोरोना वैक्सीन का प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है। रुद्राभिषेक के दौरान गर्भगृह में केवल दो लोगों को ही प्रवेश मिलेगा।
बूढ़ेश्वर मंदिर में भस्मी से अभिषेक
बूढ़ा तालाब के बूढ़ेश्वर मंदिर में शिवलिंग का भस्मी और पंचामृत से अभिषेक किया गया। शाम को फूल, पत्तियों, बेलपत्र, भांग, धतूरा, चांदी के बर्क से श्रृंगार करके गर्भगृह की आकर्षक साजसज्जा की गई।
51 फीट ऊंची प्रतिमा की जटा से गंगा धारा
मोतीबाग के समीप स्थित बैजनाथधाम के नाम से प्रसिद्ध हो रहे 51 फीट ऊंची शिव प्रतिमा की जटा से गंगा की धारा प्रवाहित होने का नजारा देखने भक्तों का तांता लगा रहा। यहां भी सुबह शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक किया गया। इन मंदिरों के अलावा मठपारा और रावांभाठा में 20 फीट ऊंची प्रतिमा का दर्शन करने भी भक्तों की भीड़ लगी रही। नर्मदा पारा के नीलकंठेश्वर मंदिर, टिकरा पारा के नरहरेश्वर मंदिर, श्याम टाकीज के समीप गणेश-शिव मंदिर, समता कालोनी के चिंताहरण हनुमान मंदिर परिसर में स्थित शिवलिंग का श्रृंगार दर्शन करने श्रद्धालु पहुंचे।
सुरेश्वर महादेव में जलाभिषेक
सेल्स टैक्स कॉलोनी, शंकर नगर कचना रोड पर स्थित सुरेश्वर महादेव पीठ में विश्व शांति एवं जगत कल्याण के लिए शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक किया गया। मंदिर समिति के महामंडलेश्वर राजेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि सावन में प्रत्येक सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में और अन्य दिनों में सुबह 9 बजे अभिषेक किया जाएगा।