रायपुर। Education News: हर साल की तरह इस साल भी 16 जून से नया शिक्षा सत्र शुरू होने जा रहा है। हालांकि, कोरोना के कारण अभी बच्चों को स्कूल न बुलाकर घर पर ही ऑनलाइन या मोहल्ला कक्षाओं के जरिए पढ़ाने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में बच्चों तक समय पर किताबें पहुंचाने में शिक्षा विभाग एक बार फिर पिछड़ता दिख रहा है। आलम यह है कि अभी तक किताबों का प्रकाशन भी आधा-अधूरा है और किसी भी जिले में किताबें नहीं पहुंच पाई है।
पहली से 10वीं कक्षा तक 50 लाख से अधिक बच्चों तक किताब पहुंचाने के लिए विभाग की कार्ययोजना ढीली दिख रही है। इसी तरह भले ही स्कूल न लग पाए लेकिन बच्चों को समय पर यूनिफार्म मिलने में भी देरी हो सकती है।
किताब छपाई में देरी, निगम ने कहा- कवर पेपर देर से आया
पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष डॉ. शैलेष नितिन त्रिवेदी ने बताया कि हम प्रिंटिंग का काम पूरा कर रहे हैं। कवर पेपर देरी से आया है। लॉकडाउन लगा हुआ है। ट्रांसपोर्टेशन में भी देरी हुई है। हालांकि, उनका दावा है कि जून अंत तक सभी किताबें पहुंच जाएंगी। इसके अलावा छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की वेबसाइट www.tbc.cg.nic.in पर भी अपडेट कर रहे हैं।
वर्चुअल स्कूल के लिए आज होगा फैसला
इधर, छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ वर्चुअल स्कूल की स्थापना की जा रही है। शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए वर्चुअल स्कूल में जून में प्रवेश प्रारंभ होगा। ओपन स्कूल के अध्यक्ष डा. आलोक शुक्ला ने बताया कि वर्चुअल स्कूल के लिए शनिवार को बैठक रखी गई है। वर्चुअल स्कूल के पोर्टल का निर्माण एनआईसी द्वारा किया जा रहा है जो virtualschool.cg.nic.in में उपलब्ध होगा।
इस पोर्टल में विद्यार्थी अपनी इच्छा अनुसार, पात्रतानुसार किसी भी पाठ्यकम में प्रवेश ले सकते हैं। इस पोर्टल में विषयवार लर्निंग वीडियो, स्टडी मटेरियल, असाइनमेंट, क्विज़ आदि उपलब्ध रहेंगे जिसे विद्यार्थी कहीं से भी इंटरनेट के माध्यम से देख सकते हैं। विद्यार्थी को अपने चुने हुए मेंटर से शंका संबंधी प्रश्न पूछने व वार्तालाप करने की भी सुविधा होगी। वर्चुअल स्कूल का पाठ्यक्रम, छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के पाठ्यक्रम में लगभग 30 प्रतिशत कटौती कर तैयार किया गया है।
वर्जन
किताबों के लिए हमने निर्देश दे दिया है। पाठ्यपुस्तक निगम के अधिकारियों से संपर्क करके किताबें जल्द भेजने के लिए बातचीत की है। यूनिफार्म बच्चों के घर तक पहुंचाने के लिए व्यवस्था करने को कहा है।
- जितेंद्र शुक्ला, संचालक, स्कूल शिक्षा, छत्तीसगढ़