रायपुर निगम को 30 करोड़ रुपये मिलते ही शारदा चौक-तात्यापारा रोड चौड़ीकरण का काम होगा शुरू
पिछले 15 साल से इस रोड का चौड़ीकरण अटका हुआ था। इसे लेकर पिछली भाजपा सरकार में करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा गया।
By Kadir Khan
Edited By: Kadir Khan
Publish Date: Sun, 20 Mar 2022 09:24:10 AM (IST)
Updated Date: Sun, 20 Mar 2022 09:24:10 AM (IST)

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी में सबसे व्यस्त जयस्तंभ इलाके से लगी शारदा चौक- तात्यापारा रोड के चौडीकरण की उम्मीद अब बंध गई है। सरकार से नगर निगम को 30 करोड का बजट मिलते ही इसका काम शुरू हो जाएगा। पिछले 15 साल से इस रोड का चौड़ीकरण अटका हुआ था। इसे लेकर पिछली भाजपा सरकार में करीब आधा दर्जन बार प्रस्ताव भेजा गया। निगम स्तर पर चौड़ीकरण के लिए शासन को फंड की मांग की गई।
भाजपा के दो पूर्व दिग्गज मंत्रियों ने भी इसके लिए प्रयास किए। फिर भी चौड़ीकरण के लिए न तो फंड मिला और न ही योजना एक कदम भी आगे बढ़ी। कांग्रेस की नई सरकार आने के बाद फिर प्रयास तेज हुए हैं, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका है। हालांकि तब तत्कालीन महापौर प्रमोद दुबे ने दावा किया था कि राज्य सरकार के अनुपूरक बजट में संभवत: 43 करोड का फंड मिल सकता है, पर यह नही हुआ।
शारदा-चौक से आमापारा तक रोड चौड़ीकरण का प्रस्ताव पूर्व महापौर सुनील सोनी के कार्यकाल में तैयार हुआ था। सुनील सोनी के कार्यकाल के अंतिम दिनों में आमापारा से तात्यापारा तक पहले चरण का चौड़ीकरण हो गया। इसके बाद निगम में सत्ता परिर्वतन के बाद कांग्रेस से डा. किरणमयी नायक महापौर बनीं। दूसरे चरण के तहत तात्यापारा से शारदा चौक तक बचे हिस्से के चौड़ीकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया। बजट को लेकर निगम और शासन के बीच मामला अटका रहा।
डा. किरणमयी नायक का कार्यकाल खत्म होने के बाद कांग्रेस से ही प्रमोद दुबे महापौर बने। उन्होंने भी अपने कार्यकाल में अब तक चार से पांच बार शासन को प्रस्ताव भेजा। मामला अटके रहने की वजह से विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत और कृषि मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल ने रोड चौड़ीकरण को लेकर बैठकें लीं और शासन को प्रस्ताव भेजा।
राजेश मूणत ने इसके लिए 29 करोड़ रुपए भी मंजूरी दी। तब निगम ने चौड़ीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की। चौड़ीकरण के लिए निगम ने पूर्व के सर्वे के आधार पर नया सर्वे किया और उसका भौतिक सत्यापन भी कराया। इसके बाद मामला फिर अटक गया। इसी दौरान विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण रोड चौड़ीकरण को लेकर किसी तरह के प्रयास नहीं हुआ।
स्मार्ट सिटी में नहीं किए शामिल
शारदा चौक से तात्यापारा रोड चौड़ीकरण को स्मार्ट सिटी में शामिल किया जा सकता था। यह एबीडी एरिया में भी है। अभी स्मार्ट सिटी के पास करीब 400 करोड़ रुपए है। अफसर इसे खर्च ही नहीं कर पा रहे हैं बल्कि इससे मिलने वाले ब्याज से ही छोटी योजनाओं पर खर्च किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी ने लाखों-करोड़ों रुपए एेसी योजनाओं पर खर्च किए हैं, जिसका लाभ लोगों को नहीं मिल रहा। जैसे गौरवपथ में साइकिल ट्रैक, मोतीबाग में भूलभुलैया और पंप ट्रैक, नेकी की दीवार, सप्रे स्कूल मैदान में हेल्दी हार्ट ट्रैक पर खर्च किया गया।
तत्कालीन महापौर प्रमोद दुबे ने पूर्व सरकार पर यह भी आरोप लगाए थे कि सरकार ने वीआईपी रोड के लिए पैसे दे दिए थे, लेकिन उससे ज्यादा जरूरी शारदा-चौक तात्यापारा सड़क को नहीं दिया गया। इससे सड़क निर्माण का मामला अटका रहा। अब जाकर बजट मे 30 करोड़ का प्राविधान होने से चौड़ीकरण होने की उम्मीद है।