Shiv Temple in CG: छत्तीसगढ़ के इस मंदिर का 500 वर्ष पुराना है इतिहास, स्वयंभू है यहां का शिवलिंग, जानें मान्यता
Shiv Temple in CG: छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम शिवकोकड़ी में स्थित यह शिव मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र है।
By Ashish Kumar Gupta
Edited By: Ashish Kumar Gupta
Publish Date: Fri, 21 Jul 2023 09:48:20 AM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Jul 2023 09:48:20 AM (IST)

रायपुर। Shiv Temple in CG: सावन महीने में शिवालयों में शिव भक्तों की बड़ी संख्या में भीड़ होती है। इस पवित्र महीने में शिव के दर्शन और पूजन कर भक्त खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं। अगर आप भी छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध शिव स्थलों को देखना चाहते हैं तो भगवान शिव की इस मंदिर का दर्शन जरूर करें। तो आइए जानते हैं ये मंदिर कहां स्थित हैंं।
दरअसल, यह शिव मंदिर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के ग्राम शिवकोकड़ी में स्थित है। यह शिव मंदिर भक्तों के आस्था का केंद्र है। यहां भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग है। जो भूतल से करीब आठ फीट ऊंचा है। सावन के महीने में मंदिर में भक्तगणों की भीड़ भी देखने को मिल रही है।
मंदिर की विशेषता
आमनेर नदी के तट पर स्थित शिव मंदिर की ख्याति पूरे छत्तीसगढ़ में है। यहां शिवलिंग के दर्शन के लिए दुर्ग, भिलाई, धमधा ही नहीं राज्य के अन्य जिलों से भी लोग बड़ी संख्या में आते हैं। यहां लोगों की मनोकामना भी पूरी होती है। सावन और महाशिवरात्रि के मौके पर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस अवसर पर मंदिर में मेला भी लगता है। भक्तों की भीड़ को देखते हुए धीरे-धीरे मंदिर का विस्तार किया गया है। मंदिर परिसर में अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित की गई हैं।
मंदिर का इतिहास
प्रचलित किवदंती के अनुसार मंदिर का इतिहास करीब पांच सौ साल पुराना है। वर्तमान में जिस स्थान पर मंदिर बना है उसी स्थान पर स्वयंभू शिवलिंग निकला है। धीरे-धीरे शिवलिंग की ऊंचाई बढ़ती गई। मंदिर के मुख्य दरवाजे के बाईं ओर शीतला मंदिर और दांई ओर राधाकृष्ण का मंदिर है। इन दोनों मंदिरों में भी भक्तगण पूजा-अर्चना करने आते हैं।
शिवकोकड़ी में है स्वयंभू शिवलिंग
पुजारी मनहरण पुरी गोस्वामी ने कहा, शिव मंदिर का शिवलिंग करीब पांच सौ साल पुराना है। जो स्वयंभू निकला है। समय के साथ-साथ इसकी ऊंचाई भी बढ़ती गई। यहां आने वाले भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर का विस्तार कराया गया है।
श्रद्धालु बांकेलाल विश्वकर्मा ने कहा, यहां स्थापित शिवलिंग से भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। हर साल सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए भक्तगण बड़ी संख्या में मंदिर पहुंचते हैं। वैसे तो मंदिर में वर्षभर भक्तों का आना-जाना लगा रहता है।