
नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव कार्यक्रम के लिए शनिवार को रायपुर पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत नवा रायपुर स्थित सत्यसाईं संजीवनी अस्पताल में दिल का ऑपरेशन करवा चुके बच्चों से बात की।
इस दौरान उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था की प्रशंसा की। साथ ही प्रधानमंत्री ने ऐसा ही एक अस्पताल उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में खोलने का भी एलान किया। रायपुर में स्थित यह अस्पताल अपने आप में एक मिशाल है। इस अस्पताल में हार्ट पेशेंट बच्चों का निशुल्क इलाज किया जाता है।
नवा रायपुर स्थित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल इन दिनों सेवा की ऐसी मिसाल पेश कर रहा है, जिसने पूरे देश का ध्यान खींच लिया है। यहां 400 से अधिक डॉक्टर, नर्स और स्टाफ दिन-रात जुटे हुए हैं, ताकि 10 हजार से ज्यादा लोगों की उम्मीदें टूटने न पाएं। यह केवल एक स्वास्थ्य शिविर नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना, करुणा और समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गया है।
अस्पताल में इन दिनों चल रहे मेगा शिविर के तहत पांच विशाल डोम बनाए गए हैं। इनमें करीब 3,200 पंजीकृत बच्चे हैं, जिन्हें दिल से जुड़ी गंभीर बीमारियां हैं। हर बच्चे के साथ दो से तीन परिजन हैं, यानी एक साथ करीब 10 हजार लोग अस्पताल परिसर में मौजूद हैं। इन सभी की देखभाल का जिम्मा सिर्फ 400 लोगों की टीम ने उठाया है। सभी मिलकर चौबीसों घंटे न केवल चिकित्सा सेवा दे रहे हैं, बल्कि भोजन, आवास और मरीजों के परिवारों की मानसिक व भावनात्मक जरूरतों का भी ध्यान रख रहे हैं।
यह अस्पताल पूरी तरह निश्शुल्क सेवा देता है। किसी भी मरीज से एक रुपये तक नहीं लिया जाता। यहां आने वाले परिवारों के रहने और खाने की व्यवस्था भी अस्पताल की ओर से की जाती है। बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और दक्षिण भारत से आए सैकड़ों परिवार इस शिविर में अपने बच्चों के इलाज के लिए जुटे हैं।
अस्पताल प्रशासन का मानना है कि-इलाज केवल शरीर का नहीं, आत्मा का भी होना चाहिए। यही कारण है कि यहां हर मरीज के साथ परिजनों को भी काउंसिलिंग दी जाती है, ताकि वे आपरेशन से पहले और बाद में बच्चे की देखभाल बेहतर तरीके से कर सकें।
इस महाअभियान की कमान अस्पताल के अनुभवी चिकित्सकों के हाथ में है
डॉ. रागिनी पांडेय, एचओडी, पीडियाट्रिक कार्डियक सर्जरी (फोटो)
डॉ. प्रियंका पाटिल, हार्ट सर्जन
डॉ. सौरभ कुमार शेखर, हार्ट सर्जन
डॉ. योगेश साठे, एचओडी, पीडियाट्रिक कार्डियोलाजी(फोटो)
डॉ. प्रशांत ठाकुर, कार्डियोलाजिस्ट
डॉ. सुदीप्तो बंदोपाध्याय, कार्डियोलाजिस्ट
ये सभी डाक्टर और उनकी टीमें बिना किसी शुल्क के हज़ारों बच्चों को नया जीवन देने की कोशिश में जुटे हैं। अस्पताल के गलियारों में दिन-रात गूंजती मशीनों की आवाज के बीच एक ही धुन सुनाई देती है, “हर बच्चे की धड़कन जिंदा रहे।”
श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल देश के उन विरले संस्थानों में है जो पूरी तरह दान और समाजसेवा पर आधारित हैं। इसकी स्थापना का उद्देश्य है, किसी बच्चे की जान सिर्फ इसलिए न जाए क्योंकि उसके माता-पिता इलाज का खर्च नहीं उठा सकते। अब तक 25 हजार से ज्यादा बच्चों की हृदय सर्जरी और उपचार यहां निःशुल्क किए जा चुके हैं। अस्पताल की “मातृछाया” पहल के तहत माताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे अपने बच्चों की देखभाल में डाक्टरों की भागीदार बन सकें।