
राज्य ब्यूरो,नईदुनिया,रायपुर: शराब घोटाले में दूसरी बार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गिरफ्त में आई पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव रहीं सौम्या चौरसिया ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में कोल ही नहीं डीएमएफ के साथ शराब घोटाले में भी आय से अधिक अकूत संपत्ति बनाई।
जांच एजेंसी ने दावा किया कि सौम्या ने अपनी आय से 1,872 गुना अधिक संपत्ति बनाई है। 2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा की अफसर (डिप्टी कलेक्टर) सौम्या चौरसिया को 17 साल की सेवा अवधि में शासन से करीब 89 लाख रुपये का वेतन मिला है।
इस दौरान सौम्या व उनकी परिवार की आय 2.51 करोड़ रुपये अर्जित थी, जबकि इस बीच उन्होंने 49.69 करोड़ रुपये की 45 बेनामी संपत्तियां खरीदी, जो उनकी आय से 1,872 प्रतिशत अधिक है।
सौम्या 287 दिन बाद फिर से जेल की सलाखों के पीछे जाएंगी। इससे पहले 1,164 करोड़ रुपये घोटाले के चार मामलों में सौम्या 822 दिन रायपुर जेल में बंद रहीं। तीन मार्च को जमानत मिलने के बाद वह 287 दिन तक जेल से बाहर थीं। ईडी के अनुसार सौम्या पर अब कुल 4,364 करोड़ रुपये के घोटालों में शामिल होने का आरोप है। इनमें अवैध कोल लेवी, डीएमएफ घोटाला, आय से अधिक संपत्ति और शराब घोटाला शामिल है।
ईडी का दावा है कि रिटायर आइएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, चैतन्य बघेल समेत अन्य आरोपितों की चैट रिपोर्ट, पूछताछ और जब्त डायरियों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की कार्रवाई की गई है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान बने कई वाट्सएप ग्रुपों में पैसों के लेन-देन के सबूत एजेंसी को मिले हैं। ईडी और ईओडब्ल्यू ने सौम्या और उनके स्वजनों की करीब 47 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की हैं।
ईडी के वकील डॉ.सौरभ कुमार पांडेय ने पत्रकारों को बताया कि शराब घोटाला मामले की जांच हम कर रहे थे। कुछ लोगों के स्टेटमेंट भी रिकॉर्ड किए गए,जिसमें मुख्य स्टेटमेंट केके श्रीवास्तव, लक्ष्मी नारायण बंसल और निखिल चंद्राकर के लिए गए।
ईडी के बयान में तीनों ने शराब घोटाला मामले के पैसे को सौम्या चौरसिया को देना बताया। सौम्या चौरसिया तक पैसा लक्ष्मी नारायण बंसल के माध्यम से पहुंचाया गया। निखिल चंद्राकर सप्लाई एजेंट के रूप में था।
ईडी को दिए गए अपने बयान में निखिल चंद्राकर ने बताया कि शराब घोटाला के पांच करोड़ रुपये सौम्या चौरसिया तक पहुंचाया। अब तक की जांच में शराब घोटाले का 115 करोड़ रुपये सौम्या चौरसिया तक पहुंचाने की बात सामने आई है।
पांडेय ने बताया कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डायरी जब्त की थी। उस डायरी एंट्री में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है कि लगभग साढ़े 43 करोड़ रुपये सीधे सौम्या चौरसिया के पास आया है। इन सब मामलों को देखते हुए सौम्या चौरसिया को मनी लांड्रिंग एक्ट के प्राविधानों का पालन करते हुए गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है। सौम्या चौरसिया को रिमांड में लेने के बाद और कोई भी नाम आते हैं, तो उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
सौम्या की आय 89.19 लाख रुपये है। इसमें 27.41 लाख रुपये का खर्च है। सौरभ की नौकरी से आय 60.27 लाख रुपये है। इसमें 9.08 करोड़ रुपये का खर्च है। शांति देवी की पेंशन से आय 24.48 लाख रुपये है। इसमें 27.68 करोड़ रुपये का खर्च है। अनुराग की कारोबारी से आय 26.33 लाख है। इसमें 12.66 करोड़ रुपये का खर्च है।
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शराब घोटाला की जांच ईडी के साथ ईओडब्ल्यू कर रही है। घोटाले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा,भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल, रिटायर्ड आइएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के तत्कालीन एमडी अरुणपति त्रिपाठी, होटल कारोबारी अनवर ढेबर, मनीष मिश्रा, अभिषेक सिंह, मुकेश मनचंदा, अतुल कुमार सिंह, दीपेन चावड़ा समेत अन्य रायपुर जेल में बंद हैं।