
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आरटीओ ई-चालान के नाम पर साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधी परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट की हूबहू नकल (क्लोन वेबसाइट) बनाकर आम नागरिकों को ट्रैफिक नियम उल्लंघन का डर दिखा रहे हैं। ऐसे फर्जी संदेशों और लिंक के जरिए लोगों की निजी जानकारी और बैंक खातों से पैसे उड़ाए जा रहे हैं। इसे लेकर परिवहन एवं यातायात विभाग ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले छह महीनों के भीतर प्रदेशभर में ऐसे 300 से अधिक ठगी के मामले सामने आए हैं। शातिर ठग आमतौर पर मोबाइल पर संदेश भेजकर ई-चालान लंबित होने की जानकारी देते हैं। इन संदेशों में दिए गए लिंक पर क्लिक करते ही यूजर की व्यक्तिगत जानकारी, ओटीपी और बैंक डिटेल चोरी कर ली जाती हैं। कई मामलों में लोगों से एपीके फाइल डाउनलोड करने को भी कहा जा रहा है, जो पूरी तरह फर्जी होती है।
वास्तविक ई-चालान की जानकारी और भुगतान के लिए नागरिक केवल परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट echallan.parivahan.gov.in का ही उपयोग करें। वेबसाइट पर जाकर पे ऑनलाइन विकल्प पर क्लिक करना होगा। इसके बाद चालान नंबर और कैप्चा कोड भरकर गेट डिटेल पर क्लिक करें। फिर पंजीकृत मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करने के बाद चालान से जुड़ी पूरी जानकारी देखी जा सकती है और सुरक्षित तरीके से भुगतान किया जा सकता है।
परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यातायात पुलिस या परिवहन विभाग द्वारा किया गया प्रत्येक ई-चालान केवल इसी आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से दर्ज होता है और उसकी सूचना पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ही भेजी जाती है। किसी निजी मोबाइल नंबर, अनजान लिंक या व्हाट्सएप संदेश के जरिए भेजी गई सूचना पर भरोसा न करें।
परिवहन विभाग के अनुसार अपने वास्तविक चालान की जानकारी के लिए नागरिक https://echallan.parivahan.gov.in पर जाएं। वेबसाइट के ई-चालान सेक्शन में पे आनलाइन विकल्प पर क्लिक कर चालान नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें। इसके बाद मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी डालने पर चालान से संबंधित पूरी जानकारी मिल जाएगी। सतर्क रहें और केवल सुरक्षित माध्यम से ही लेनदेन पूरा करें।
फर्जी काल और मैसेज से रहें सतर्क अतिरिक्त परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी अजनबी लिंक के माध्यम से आनलाइन भुगतान न करें और बैंक खाते से जुड़े लेन-देन में पूरी सावधानी बरतें।
किसी भी प्रकार का फर्जी कॉल, संदेश, लिंक या एप मिलने पर तुरंत अपने नजदीकी पुलिस थाने या साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं। जागरूकता ही साइबर ठगी से बचाव का सबसे बड़ा हथियार है। सावधानी बरतकर ही ऐसे अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सकता है।