सफलता की कहानी: यूपीएससी में श्रद्धा शुक्ला को मिली 45वीं रैंक, बोली-संघर्ष से मिली सफलता
श्रद्धा ने कहा कि तीसरी बार की तैयारी में दिन-रात एक कर दिया। अंतत: इस बार सफलता मिल ही गई।
By Abhishek Rai
Edited By: Abhishek Rai
Publish Date: Mon, 30 May 2022 09:40:45 PM (IST)
Updated Date: Mon, 30 May 2022 09:40:45 PM (IST)

रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। यूपीएससी परीक्षा में 45वीं रैंक पाने वाली श्रद्धा शुक्ला ने कहा कि सफलता पाने के लिए संघर्ष और धैर्य चाहिए। इसे ही मूल मंत्र को ही आत्मसात कर मैंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में तीसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की।
श्रद्धा ने बताया कि ग्रेजुएशन के दौरान यूपीएससी की तैयारी के लिए कोचिंग शुरू किया। कुछ महीने बाद कोचिंग छोड़कर घर ही तैयारियों में जुट गई। पढ़ाई में दिन-रात एक करने के बाद भी पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली तो काफी दुख हुआ। मन में ठान लिया था कि मुझे आइएएस अधिकारी ही बनना है। फिर से तैयारियां कर दूसरी बार यूपीएससी की परीक्षा दी। परिणाम आया, लेकिन चयन सूची में नाम नहीं था। मैं टूट गई थी। 14 दिन बाद फिर से परीक्षा थी। माता-पिता, परिवार और दोस्तों ने साहस दिया। मैंने तैयारी में दिन-रात एक कर दिया। अंतत: तीसरी बार में मैं सफल रही।
साक्षात्कार में सुनाया राजकीय गीत
श्रद्धा ने बताया कि साक्षात्कार होने के बाद अंत में मुझसे पूछा गया कि आप कुछ कहना चाहेंगी? मैंने हमारे राजकीय गीत 'अरपा पैरी के धार" सुनाया। यह सोचे बिना कि मुझे इसके अंक मिलेंगे या नहीं? लेकिन साक्षात्कार लेने वालों को यह गीत काफी पसंद आया।
राज्य को एजुकेशन हब बनाने का है सपना
श्रद्धा ने बताया कि एमजीएम हायर सेकंडरी स्कूली शिक्षा लेने के बाद डिग्री गर्ल्स कालेज से पढ़ाई पूरी की। यूपीएससी की तैयारी भी यहां रहकर की। छत्तीसगढ़ में सेवा का मौका मिलता है तो शिक्षा को और अधिक बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहूंगी। ताकि शिक्षा के क्षेत्र में हम अग्रणी बन सकें।