रायपुर (राज्य ब्यूरो)। कोरोनाकाल में प्रभावित हुई पढ़ाई में अब सुधार नजर आ रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने एक सर्वे करके दावा किया है कि 90 प्रतिशत विद्यार्थी अपने कक्षा स्तर पर पहुंच गए हैं। पिछली बार जब सर्वे किया गया था तब 51 प्रतिशत विद्यार्थी इसके लायक नहीं थे। अब यह आंकड़ा 51 प्रतिशत से गिरकर सात प्रतिशत तक पहुंच गया है। लर्निंग लास (सीखने की क्षमता में कमी) के आकलन के लिए 27 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों पर सर्वे के बाद परिणाम आया है कि अब महज चार प्रतिशत विद्यार्थी ऐसे हैं जो कि अपनी कक्षा के लायक नहीं है, जबकि 26 लाख विद्यार्थियों के शिक्षा स्तर में सुधार आया है। ये विद्यार्थी अब अपनी कक्षा स्तर पर पढ़ने के लायक हो गए हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश के 35 हजार प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में 32 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। हाल ही में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से कराए गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहद नाजुक बताई गई थी। हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान जैसे प्रमुख विषयों में विद्यार्थियों का स्तर बेहद खराब था। देश में प्रदेश की स्थिति 30 राज्यों से पीछे थी।
एससीईआरटी ने किया सर्वे
विद्यार्थियों का शिक्षा स्तर जानने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने प्रदेश के विद्यार्थियों का आकलन किया था। विद्यार्थियों में सीखने की क्षमता जानने के लिए कक्षा स्तर के सवालों पर आधारित प्रश्न पत्र हल कराए गए थे। विद्यार्थियों के गिरते शिक्षा स्तर को बड़ी चुनौती मानते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई नवाचार भी किए थे। इसमें विद्यार्थियों को अपने कक्षा स्तर पर लाने के लिए 'ब्रिज कोर्स (सेतु पाठ्यक्रम) का निर्माण किया गया। इसके अलावा जो विद्यार्थी कमजोर थे, उनके स्तर में सुधार लाने के लिए 'नवाजतन कार्यक्रम चलाया गया था।
पहले के सर्वे में यह रहा आंकड़ा
इसके पहले मिडलाइन टेस्ट (मध्य परीक्षा) में 75.13 प्रतिशत विद्यार्थी अपने कक्षा स्तर पर पहुंच गए थे। 29 प्रतिशत विद्यार्थी जो लगभग प्रारंभिक स्तर पर पहुंच गए थे, उनकी संख्या घटकर 11 प्रतिशत पर आ गई थी। अब एंडलाइन टेस्ट (अंतिम परीक्षा) में 90.13 प्रतिशत विद्यार्थी अपने कक्षा स्तर पर आ गए और न्यूनतम और प्रारंभिक स्तर के विद्यार्थियों का प्रतिशत घटकर लगभग चार प्रतिशत रह गया है।