राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर: प्रदेश में अब शिक्षकों की उपस्थिति और शैक्षणिक गतिविधियों पर डिजिटल निगरानी रखी जाएगी। समग्र शिक्षा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) आधारित विशेष मोबाइल एप तैयार किया है, जिससे शिक्षकों की उपस्थिति केवल स्कूल परिसर से ही दर्ज हो सकेगी। इस व्यवस्था से घर या किसी अन्य स्थान से हाजिरी लगाने की सुविधा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग का दावा है कि इस एप से न केवल शिक्षकों की जवाबदेही तय होगी, बल्कि छात्रों की उपस्थिति और कक्षा संचालन की स्थिति भी बेहतर ढंग से मानीटर की जा सकेगी। एप को आइआइटी भिलाई के सहयोग से तैयार किया गया है। संस्था प्रमुख की जिम्मेदारी भी तय होगी। यदि कहीं कोई गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित प्रधानाध्यापक पर भी कार्रवाई संभव होगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 मार्च 2025 को बिलासपुर से विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत की थी। इसके बाद इस एप का पायलट परीक्षण 20 हजार शिक्षकों पर किया गया, जो सफल रहा। अब इसे मंगलवार से महासमुंद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, सूरजपुर और रायगढ़ जिले में लागू कर दिया गया है।
स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने बताया कि सरकार की मंशा शिक्षकों की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने और उसकी ऑनलाइन मानिटरिंग करने की है। आने वाले समय में प्रदेश के सभी 56,080 स्कूलों में पढ़ने वाले 56 लाख से अधिक बच्चों और लगभग 1.80 लाख शिक्षकों की उपस्थिति इस डिजिटल प्रणाली से दर्ज की जाएगी। इसके लिए रायपुर स्थित समग्र शिक्षा केंद्र में विशेष विद्या समीक्षा केंद्र स्थापित किया गया है।
एप के माध्यम से प्रधानाध्यापक पूरे स्टाफ की उपस्थिति, अवकाश की स्थिति और कक्षा संचालन पर नजर रख सकेंगे। उन्हें आवश्यक रिपोर्ट डाउनलोड करने, अलर्ट प्राप्त करने और जरूरत पड़ने पर नोटिस जारी करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि इस प्रणाली से शिक्षकों की जवाबदेही और अनुशासन में सुधार आएगा। साथ ही, छात्रों की उपस्थिति भी मजबूत होगी। उल्लेखनीय है कि इस तरह का प्रयोग छत्तीसगढ़ के दो जिलों गरियाबंद और जांजगीर-चांपा में पहले भी किया जा चुका है।
इस एप की सबसे खास बात यह है कि यह केवल स्कूल की 50 मीटर परिधि में ही सक्रिय होता है। शिक्षक को विद्यालय पहुंचकर ही शिक्षक एप के जरिए उपस्थिति दर्ज करनी होगी। इस तकनीकी व्यवस्था से यह सुनिश्चित हो सकेगा कि शिक्षक वास्तव में स्कूल पहुंचे हैं।
एप से दर्ज उपस्थिति की जानकारी सीधे जिला मुख्यालय तक पहुंच जाएगी। अधिकारी रियल टाइम आधार पर यह देख सकेंगे कि किस स्कूल में कितने शिक्षक उपस्थित हैं। इससे न केवल उपस्थिति की पारदर्शिता सुनिश्चित होगी, बल्कि शिक्षा व्यवस्था पर उच्च स्तर से सीधी निगरानी भी संभव हो जाएगी। शिक्षा अफसरों का कहना है कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और बच्चों को बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराने की दिशा में सुधार साबित होगा। अब देखना यह है कि डिजिटल निगरानी प्रणाली पूरे प्रदेश में लागू होने के बाद किस हद तक असरदार सिद्ध होती है।
यह भी पढ़ें- नाबालिग साबित हुआ 24 साल पुराने दुष्कर्म मामले का आरोपी, Chhattisgarh HC ने सजा रद्द करते हुए सुनाया यह फैसला
स्कूल शिक्षा विभाग में तकनीकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस दिशा में शिक्षकों की उपस्थिति को आनलाइन दर्ज कराने के लिए फिलहाल पांच जिलों में व्यवस्था की गई है। समग्र शिक्षा की ओर से तैयार एप का इस्तेमाल किया जाएगा।
-गजेंद्र यादव, मंत्री, स्कूल शिक्षा, छत्तीसगढ़