कहीं कुत्ते भी स्कूल में प्रेजेंट ना हो जाएं, छत्तीसगढ़ में शिक्षकों को सौंपी इन पर निगाह रखने की जिम्मेदारी
छत्तीसगढ़ में लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल के शिक्षकों को अब कुत्तों की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी है। शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के साथ स्कूल के आस-पास घूमने वाले कुत्तों पर भी निगाह रखनी होगी। इस बात का ध्यान रखना होगा कि वो स्कूल परिसर में ना आ जाएं। अगर बच्चों को कोई कुत्ता काटता है तो उसे रेबीज का इंजेक्शन लगवाने की जिम्मेदारी रहेगी।
Publish Date: Fri, 21 Nov 2025 08:24:37 AM (IST)
Updated Date: Fri, 21 Nov 2025 08:33:30 AM (IST)
स्कूलों में कुत्ते प्रवेश न कर सकें इसका ध्यान टीचर और प्रिंसिपल को रखना होगा। प्रतीकात्मक तस्वीरराज्य ब्यूरो, नईदुनिया, रायपुर। स्कूली बच्चों के साथ-साथ अब गुरुजी स्कूल के आसपास घूमने वाले कुत्तों की निगरानी करेंगे। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक ऋतुराज रघुवंशी ने प्रदेश के संयुक्त संचालकों व जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर कहा है स्कूलों के प्राचार्यों या संस्था में किसी अन्य को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए।
स्कूल परिसर में विचरण करने वाले कुत्तों की जानकारी शिक्षक या प्राचार्य को ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और शहरी इलाकों में नगरीय निकायों में देनी होगी, ताकि डाग कैचर दल इनको पकड़ सके। स्कूलों में कुत्ते प्रवेश न कर सकें। इसके लिए स्कूल के प्रमुख को ही व्यवस्था करनी होगी।
संचालक ऋतुराज की ओर से जारी आदेश में कहा गया है अगर किसी बच्चे को कुत्ते ने काटा तो शिक्षक या प्राचार्य बच्चे को रेबीज का इंजेक्शन लगवाना सुनिश्चित करें। इस आदेश के बाद शिक्षक संघ में खलबली मच गई है। शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र दुबे ने कहा ये निर्देश पूरी तरह से अव्यवहारिक व अतिरिक्त प्रभार वाला है।