रायपुर। नईदुनिया प्रतिनिधि
विश्व के शक्तिशाली देशों ने भी वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ मान लिया है कि भारतीय सनातन संस्कृति में अद्भुत शक्ति है। भारत का पुरातन विज्ञान हर प्रकार के रोग और दुखों को दूर करने में सक्षम है। ये बात ब्रह्मर्षि कुमार स्वामी ने साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित प्रभु कृपा दुख निवारण समागम के दूसरे दिन कही। समागम में भगवान शिव के उत्कील पाठ का महत्व बताया गया।
ब्रह्मर्षि ने कहा कि भारतीय सनातन शक्ति और संत परंपरा का पूरे विश्व में सम्मान हो रहा है। अमेरिका जैसे देशों के आम नागरिक ही नहीं बल्कि सांसद, अधिकारी और न्यायाधीश भी प्रभु कृपा के इस दुर्लभ आलोक को भक्ति और प्रसन्नता पूर्वक ग्रहण कर रहे हैं। पाश्चात्य देशों के डाक्टर, वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी इस शास्त्रोक्त तथ्य को स्वीकार करने लगे हैं कि वेदों, शास्त्रों में हर समस्या का समाधान छुपा हुआ है।
सभी धर्मों के धर्मग्रंथों में अपार शक्तियां मौजूद हैं, जिनसे जनकल्याण का पावन कार्य हो सकता है। प्रभु कृपा का यह शक्तिशाली आलोक भौतिक सीमा से पार का प्रारूप है, इसलिए चिकित्सा विज्ञान परम सत्ता के इस आलोक को नहीं जान सकता। पाठ की शक्ति का अनुमान कोई नहीं लगा सकता। आप उतना सोच भी नहीं सकते, जितना फल यह पाठ आपको देगा।
भगवान श्री लक्ष्मी नारायण धाम के महासचिव सुशील वर्मा ने कहा कि आज 160 देशों के लोग दिव्य पाठ से अपने असाध्य कष्टों से मुक्त हो रहे हैं। सद्गुरुदेव विश्व के सबसे श्रेष्ठ चिकित्सक हैं और विश्व के सबसे महान आध्यात्मिक संत हैं। वे विश्व के पहले ऐसे संत एवं चिकित्सक हैं, जिन्होंने मात्र 15 मिनट में सब रोगों को पैदा करने वाले खतरनाक फंगल इंफेक्शन डैंड्रफ का स्थायी निदान खोजा है।