नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर। महज छह रुपये के नुकसान को लेकर भी लोग उपभोक्ता फोरम तक पहुंच रहे हैं और न्याय मिलने तक पीछे नहीं हट रहे। ग्राहकों की सजगता और अधिकारों को लेकर बढ़ती जागरूकता का यह नतीजा है कि वे अब किसी भी तरह की धोखाधड़ी या सेवा में लापरवाही को नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं। रायपुर जिला उपभोक्ता फोरम में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें बेहद मामूली रकम के लिए भी उपभोक्ताओं ने शिकायत दर्ज कराकर न्याय प्राप्त किया।
रायपुर के पंडरी निवासी भूपेंद्र सिंह ने 2019 में पंडरी के एक दुकान से 583 रुपये का सामान लिया। इसमें कैरी बैग के भी छह रुपये उनसे वसूले गए। बिलिंग काउंटर पर उन्होंने बैग के पैसे देने से मना कर दिया, क्योंकि जो कैरी बैग दिया जा रहा था, उसमें दुकान का विज्ञापन था। सिंह ने शिकायत की तो स्टोर ने कोई एक्शन नहीं लिया। आखिर में भूपेंद्र उपभोक्ता फोरम गए। फोरम ने माना कि विज्ञापन वाले बैग के लिए राशि लेना गलत है। दुकान संचालक को आदेश दिया कि वह ब्याज समेत राशि लौटाए। मानसिक कष्ट, मुकदमे के पांच-पांच हजार भी चुकाए।
फरवरी 2023 में जितेंद्र कुमार अग्रवाल ने राजकोट से उज्जैन का रेल टिकट कराया। साथ ही ठहरने के लिए उज्जैन के नाकोड़ा पैलेस होटल में 1,790 प्रतिदिन किराये में 30 प्रतिशत एडवांस देकर एक कमरा भी बुक कराया। जब अप्रैल में वे पहुंचे तो उस होटल ने रूम नहीं दिया। बाद में अग्रवाल ने दूसरी जगह ज्यादा किराया चुकाकर रात गुजारी। फिर रायपुर जिला फोरम में परिवाद दायर किया। फोरम ने होटल पर 7,604 रुपये छह प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने और मानसिक कष्ट, मुकदमा खर्च के तौर पर 20 हजार रुपये चुकाने का आदेश दिया।
रायपुर निवासी भाविन जैन ने 2013 में अपनी बेटी को आइपीसीई-आइपीसीसी कोर्स के लिए कोचिंग में भर्ती कराया। दो ग्रुप की परीक्षा के लिए एक साथ पैसे देने पर छात्रा को पैकेज में छूट मिल रही थी। इसलिए दोनों ग्रुप के पैसे एक साथ दे दिए, लेकिन जब पेपर-1 में बेटी फेल हुई तो उन्होंने दूसरे पेपर की कोचिंग की बकाया राशि मांगी। मना किया तो जिला उपभोक्ता फोरम में पहुंचे। फोरम ने उनके पक्ष में फैसला दिया।
उपभोक्ता के नुकसान के आधार पर भी शिकायत की जाती है। अगर नुकसान 20 लाख रुपये से कम का है तो जिला फोरम में इसकी शिकायत की जा सकती में है। 20 लाख से ऊपर और एक करोड़ रुपये से कम का नुकसान होने पर राज्य आयोग पर शिकायत दर्ज करानी होती है। अगर नुकसान एक करोड़ रुपए से ज्यादा है तो राष्ट्रीय आयोग पर शिकायत दर्ज होती है। वर्तमान में ऑनलाइन शापिंग में होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगाने ई-कामर्स रूल्स भी आए हैं। अब ई-फाइलिंग भी शुरू हो गई है।